नई दिल्ली। पार्टी के आस्तिव को बचाने के लिए अब कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) की शुरुआत करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी 7 सितंबर से इस अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इस अभियान में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की यह यात्रा करीब 5 महीने में पूरी होगी। खास बात ये है कि ये यात्रा पूरी पदयात्रा होगी। यात्रा के दौरान कांग्रेस चुनावी राज्यों पर ज्यादा फोकस करेगी। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा को साल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए देशव्यापी जनसपंर्क अभियान के तौर पर देख रही है। इसी बीच सोमवार को दिल्ली में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब मीट के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों और प्रमुख हस्तियों से भेंट की। कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने की। इसके अलावा कार्यक्रम में जयराम रमेश, योगेंद्र यादव कई नेता मौजूद रहे।
Shri @digvijaya_28 addressed ‘Bharat Jodo Yatra’ conclave with Civil Society representatives from all over the country at Constitution Club, New Delhi. Details of the yatra were presented and invitation to join was extended to all those raising issues of the people. pic.twitter.com/HnU2yGM354
— Congress (@INCIndia) August 22, 2022
कांग्रेस पार्टी के अनुसार, यहां आर्थिक-सामाजिक मसलों और आगामी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के साथ सामाजिक संगठनों को जोड़ने के लिए विस्तृत चर्चा की। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो अभियान के तहत अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि, यदि इस अभियान के तहत अगर कोई भी उनके साथ नहीं चला तो वह रूकेंगे नहीं, बल्कि अकेले चलते रहेंगे।
आज श्री @RahulGandhi जी ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ आर्थिक-सामाजिक मुद्दों व आगामी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के साथ सामाजिक संगठनों को जोड़ने के लिए विस्तृत चर्चा की। pic.twitter.com/VIQ97a0613
— Congress (@INCIndia) August 22, 2022
कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि देश की सियासत ध्रुवीकरण हो गई है। हम भारत जोड़ो यात्रा के जरिए बताएंगे कि कैसे एक तरफ संघ की विचारधारा है और दूसरी ओर कांग्रेस के लोगों की सबको साथ जोड़ने की विचारधारा है। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि, हम यह यात्रा भारत के लोग तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि जोड़ने की राजनीति चाहते हैं।