नई दिल्ली। आज दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के पांच नेताओं के साथ जो कुछ भी हुआ है, उससे वाकिफ होने के बाद कांग्रेसी नेताओं को ये बात तो बखूबी समझ आ ही गई होगी कि कुछ भी बोलने से पहले एक नहीं, बल्कि हजार मर्तबा सोचना चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा दिया गया एक भी अनाप-शनाप बयान हमें मुश्किलों में फंसा सकता है। अभी ऐसा ही कुछ दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस नेताओं के साथ हुआ है। दरअसल, बीते दिनों राजस्थान के जालौर जिले में एक दलित बच्चे ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया तो शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि उपचार के दौरान बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी। हालांकि, स्कूल प्रशासन बच्चे द्वारा मटके से पानी पीने की बात से इनकार कर रहा है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि छात्र का किसी बात को लेकर दूसरे से झगड़ा हो गया था, तो शिक्षक ने उसकी पिटाई कर दी जिसमें उसकी जान चली गई।
मतलब साफ है कि स्कूल प्रशासन इस मामले को जातिगत एंगल देने से गुरेज ही कर रहा है। उधर, गहलोत सरकार इस पूरे मामले को लेकर एक्शन मोड में आ चुकी है। एसआईटी का गठन किया जा चुका है। मामले की जांच जारी है। ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। बहरहाल, आरोपी शिक्षक जेल भेज दिया गया है। जाहिर है कि पूरे मामले की सुनवाई कोर्ट में होगी। उधर, इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी जारी है, लेकिन इस बीच खबर है कि इसी मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सहित पांच कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। अब ऐसे में सवाल जेहन में कौंधता है कि आखिर कांग्रेस नेताओं का इस मामले में क्या रोल है, जिसके चलते इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आइए, विस्तार से जानते हैं।
दरअसल, दिग्विजय सहित उदितराज, संदीप सिंह, हंसराज मीणा व गौतम कश्यप ने स्कूल को आरएसएस द्वारा संचालित बताया था। जिसके बाद जालौर निवासी मधुसूदन व्यास ने इन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। मधुसूदन के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं ने कई ऐसे ट्वीट किए थे, जो कि सीधे तौर पर हिंदू धर्म की भावनाओं को भड़ाकते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए इन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है। अब इन कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ आगामी दिनों में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी क निगाहें टिकी रहेंगी।
बता दें कि उपरोक्त प्रकरण को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी निशाने पर आ गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ मोर्चा तक खोल दिया गया था। गहलोत सरकार पर बीजेपी हमलावर हो गई थी। उधर, उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेने के उपरांत गहलोत सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। उन्होंने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। आरोपी टीचर को भी जेल भेज दिया गया है। अब आगामी दिनों में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। सीएम गहलोत ने कहा था कि ये बेहद शर्मनाक है कि आजादी के 75 साल बाद भी हमारे देश में जातिगत भेदभाव देखने को मिल रहे हैं। गौरतलब है कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब सीएम गहलोत दलितों पर हुए अत्याचार को लेकर विपक्षियों के निशाने पर आए हों, बल्कि इससे पहले भी वे कई मर्तबा इस मसले को लेकर सवालों के घेरे में आ चुके हैं। अब ऐसे में आगामी दिनों में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश- दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम