नई दिल्ली। विपक्षी दल लगातार किसी न किसी बहाने सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं, लेकिन हर बार उनको सफलता नहीं मिलती। इसकी वजह हवा-हवाई तरीके के आरोप होते हैं। ऐसा ही एक हवा-हवाई आरोप मोदी सरकार पर लगाकर कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई बुधवार को फंस गए। गौरव गोगोई ने सरकार पर आरोप तो संगीन लगाया था, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने उनको ऐसा चैलेंज किया, जिसके जवाब में कांग्रेस सांसद कुछ नहीं बोल सके। मामला जासूसी से जुड़ा था। ड्रग्स पर रोकथाम के बारे में लोकसभा में अमित शाह बयान दे रहे थे। इसी दौरान गौरव गोगोई ने खुद की जासूसी कराने का इल्जाम मोदी सरकार पर थोप दिया।
गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार इजरायल में बने ‘पेगासस’ सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी करा रही है। गौरव ने कहा कि पत्रकारों के साथ ही सांसदों के फोन भी सरकार पेगासस के जरिए टैप करा रही है। गौरव के इस आरोप पर अमित शाह ने उन्हें पलटकर चैलेंज कर दिया। शाह ने गौरव से कहा कि वो सबूत दें कि सरकार उनका फोन पेगासस से टैप करा रही है। शाह ने इस आरोप का सबूत सदन के पटल पर रखने के लिए भी गौरव गोगोई से कहा। शाह ने कहा कि गोगोई के पास एक भी नेता, पत्रकार या खुद का आधार हो, तो उसे सदन में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन को मनमाने राजनीतिक आरोपों के लिए चर्चा का स्थान नहीं बनाया जा सकता।
गौरव गोगोई ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है, तो सरकार कह दे कि पेगासस का इस्तेमाल नहीं हुआ। इस पर अमित शाह ने कहा कि गोगोई खुद पर इसके इस्तेमाल का तथ्य सदन में रख दें। शाह ने कहा कि बाकी तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सबकुछ तय कर ही दिया है। इसके बाद गोगोई बैकफुट पर आते दिखे। उन्होंने लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि अगर मैंने सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया है, तो आप निर्देश दें। इस पर बिरला ने भी उन्हें नसीहत दी। बिरला ने गौरव गोगोई से कहा कि सदन में हम अपनी बात तथ्यों और प्रमाण के साथ रखें, तब सदन की मर्यादा बढ़ती है।