नई दिल्ली। कर्नाटक में सरकार बना लेने के बाद अब कांग्रेस आलाकमान हर हाल में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मची जंग को खत्म कराने में जुट गया है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गहलोत और पायलट को बुलाया है। दोनों के साथ खरगे अहम बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के अलावा रघु शर्मा, भंवर जीतेंद्र सिंह, कुलदीप इंदौरा, हरीश चौधरी और रघुवीर मीणा को भी बुलाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली बैठक में खरगे की तरफ से सचिन पायलट को सरकार में अहम ओहदा का प्रस्ताव दिया जा सकता है। सचिन पायलट पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम भी थे। साल 2020 में बागी तेवर अपनाने के बाद दोनों ही पद उनसे ले लिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में जिस तरह सिद्धारामैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता का संतुलन कांग्रेस ने बिठाया, उसी तर्ज पर अब राजस्थान का मसला हल करने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि, सवाल यही है कि क्या सचिन पायलट की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव मान लिया जाएगा?
राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव हैं। राज्य की 58 सीटों पर सचिन पायलट के जाट समुदाय और समर्थकों की तूती बोलती है। ऐसे में कांग्रेस पायलट को और नाराज कर विधानसभा चुनाव में अपनी दिक्कत नहीं बढ़ाना चाहती है। पहले ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेस आलाकमान अब सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है, लेकिन फिलहाल सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई जैसा कदम शायद पार्टी न उठाए। सचिन पायलट ने बीते दिनों गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था और अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च निकाला था। उन्होंने पेपर लीक मामले में कदम उठाने के लिए 31 मई तक का वक्त भी गहलोत सरकार को दिया है। ऐसे में आज होने वाली बैठक में सचिन को संभालने की भरपूर कोशिश मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से की जा सकती है।