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खुशखबरीः पुणे की कंपनी ने कोविड-19 के लिए रैपिड टेस्ट किट विकसित किया

पुणे स्थित विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित दो साल पुराने स्टार्ट-अप ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट विकसित किया है।

पुणे। पुणे स्थित विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित दो साल पुराने स्टार्ट-अप ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट विकसित किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी। डॉक्टर प्रीति एन. जोशी द्वारा साल 2018 में स्थापित फास्टसेंस डायग्नॉस्टिक्स वर्तमान में कोविड -19 का पता लगाने के लिए दो मॉड्यूल विकसित कर रहा है।

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डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, “कोविड-19 का टेस्ट करने के लिए प्रमुख चुनौतियां स्पीड, लागत, सटीकता और पहुंच हैं। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई स्टार्टअप ने क्रिएटिव और इनोवेटिव तरीके विकसित किए हैं। डीएसटी इनमें से सबसे अधिक समर्पित स्टार्टअप का समर्थन कर रहा है ताकि तकनीकी आधार पर उनके द्वारा विकसित कमर्शियलाइजेशन चेन सटीक बैठे।”

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कंपनी ने दो उत्पादों को लाने की योजना बनाई है – एक है मोडिफाइड पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर), जो कि वर्तमान में परीक्षण किए जाने वाले किट के मुकाबले जल्द परिणाम देगा (अनुमानत: एक घंटे में 50 नमूनों की जांच हो पाएगी।) वहीं दूसरा एक पोर्टेबस चिप आधारित मोड्यूल होगा, जो आबादी की तेजी से जांच कर सकता है और 15 मिनट से कम समय में ही ऑन द स्पॉट परिणाम उपलब्ध कराएगा।

शर्मा ने कहा कि भविष्य में पुष्टिकरण टेस्ट के लिए नमूना की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है, यानी 100 नमूने प्रति घंटा।

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दो प्रस्तावित मॉड्यूल को किसी भी वास्तविक स्थानों जैसे हवाईअड्डों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों और अस्पतालों जैसे हॉटस्पॉट में तैनात किए जा सकते हैं, जहां स्वस्थ व्यक्तियों में कोरोना फैलने से रोकने के लिए आबादी के हिसाब से जांच की जा सकती है और एक घंटे से भी कम समय में आसानी के साथ परिणाम पाया जा सकता है। डीएसटी के प्रमुख ने कहा कि फास्टसेंस डायग्नॉस्टिक्स इसे और अधिक किफायती बनाने पर भी काम कर रहा है।

टीम पुणे में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के साथ सहयोग करने की भी योजना बना रही है, जिसके लिए मूल्यांकन और औपचारिक कार्य प्रक्रिया चल रही है।