नई दिल्ली। आईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर सर्वे के ताजा आंकड़ों में जानकारी सामने आई है कि देश में मोदी सरकार को लेकर लोगों का विश्वास अब भी बना हुआ है। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआती दौर में केंद्र सरकार के ऊपर से लोगों का विश्वास घटने लगा था। लेकिन सात जून को पीएम मोदी द्वारा दिए गए देश के नाम संबोधन और उसमें कोरोना से लड़ने को लेकर उनके द्वारा किए गए ऐलान के बाद से लोगों का विश्वास फिर से गहरा होने लगा। यह बात आईएएनएस/सीवोटर के सर्वे में सामने आई है। बता दें कि महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार की कुल अनुमोदन रेटिंग जहां पहले गिरती जा रही थी तो वहीं सात जून से लेकर 16 जून तक यह रेटिंग 52.1 प्रतिशत तक सुधर गई। जनता के मूड में यह बदलाव सात जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद देखा गया, जब उन्होंने महामारी से निपटने के लिए कई उपायों की घोषणा की। हालांकि, यह उछाल केवल कोविड संकट और टीकाकरण के मुद्दे तक ही सीमित है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ऐलान किया था कि देश के हर नागरिक को कोरोना की वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी। ऐसे में सर्वे में सवाल पूछा गया कि आखिर कितने लोग ऐसे में हैं जो वैक्सीन को लगवाने के लिए तैयार हैं? सवाल हुआ कि आखिर ऐसे कितने लोग हैं जो बिना किसी हिचकिचाहट के वैक्सीन का डोज ले सकते हैं?
इस सवाल के जवाब में 84 फीसदी लोगों ने कहा कि वो टीका लगवाने के पक्ष में हैं। हालांकि 8 प्रतिशत ऐसे थे जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते। इसके अलावा 8 फीसदी ऐसे भी लोग मिले जिन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना। इन 8 फीसदी लोगों के अपने-अपने कारण हैं। कुछ को लगता है कि इससे दोबारा कोरोना हो जाएगा। तो वहीं कुछ को लगता है कि यह वैक्सीन जल्दी में बनी है। वहीं कुछ का मानना है कि यह सुरक्षित नहीं है।