लखनऊ। यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 2007 की तरह एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड खेला। उनकी पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा यूपी में जगह-जगह ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने एक झटके में बीएसपी के इस कार्ड को फेल करने के लिए कदम उठा दिया है। बीजेपी ने मायावती के ब्राह्मण कार्ड के मुकाबले अपना कार्ड चला है। उसने पश्चिमी यूपी के 19 में से 9 जिलों में ब्राह्मण महिलाओं को जिलाध्यक्ष बना दिया है। बीजेपी ने महिला मोर्चा का पश्चिमी यूपी में अध्यक्ष मेरठ की वर्षा कौशिक को बनाया है। मेरठ में गीता शर्मा, गाजियाबाद में आरती मिश्रा, गाजियाबाद शहर में पूनम कौशिक, नोएडा शहर में शारदा चतुर्वेदी, बुलंदशहर में शशि शर्मा, मुरादाबाद में विजयलक्ष्मी पंडित, अमरोहा में ऊषा शर्मा, बिजनौर में मोनिका शर्मा और सहारनपुर में आरती शर्मा को जिलाध्यक्ष का जिम्मा सौंपा गया है।
अन्य जातियों की महिलाओं को भी बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सहारनपुर जिले में रक्षा नामदेव, शामली में कुसुमलता पाल, मेरठ जिले में मंजू सेठी, मुजफ्फरनगर में कविता सैनी, बागपत में लता सिसोदिया, नोएडा जिले में रजनी सिंह और संभल में राखी सिरोही को जिलाध्यक्ष का पद सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार अन्य जिलों में भी ब्राह्मणों को बड़े पद देकर बीएसपी की पूरी तरह काट करने का फैसला बीजेपी जल्द ले सकती है।
बता दें कि यूपी में करीब 13 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं। 20 जिलों में ब्राह्मण वोटर जीत और हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बीएसपी ने 2007 में ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी चलता जाएगा का नारा दिया था। तमाम ब्राह्मणों को टिकट दिए थे और सत्ता हासिल करने के बाद इस समुदाय से मंत्री भी बनाए थे। मायावती को लगता है कि इस बार भी ब्राह्मणों के सहारे वह चुनावी नदी पार कर लेगी, लेकिन बीजेपी उसके इस कार्ड को छिन्न-भिन्न करने में पूरे दम से जुटी हुई है।