नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अरूणाचल प्रदेश पहुंचे। चीनी सीमा के पास राजनाथ सिंह ने हुंकार भरते हुए सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि, भारत वैश्विक शांति का पुजारी है, लेकिन उसपर होने वाली आक्रामक कार्रवाइयों का करारा जवाब देने में वो सक्षम है। यहां 12 सामरिक सड़कों को राष्ट्र को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा से सटे क्षेत्रों में शांति एवं धैर्य में किसी भी तरह की गंभीर गड़बड़ी के चलते घातक परिणाम होंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक सड़कों के निर्माण से न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही कर सकेंगे। इसे सीमा सुरक्षा को ही मजबूती मिलेगी। रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘पहाड़ी एवं दुर्गम इलाकों में अनेकों चुनौतियों के बाद भी विश्वस्तरीय सड़कों का निर्माण हो रहा है। यह कार्य सीमा सड़क संगठन की क्षमता आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को दर्शाता है।’’
रक्षा मंत्री ने बताया कि इन सामरिक सड़कों का निर्माण केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि यह उस बड़े लक्ष्य का हिस्सा है जिसके तहत सरकार सीमाई क्षेत्रों के संपूर्ण विकास पर अपना ध्यान तीव्रता से दे रही है। सीमावर्ती राज्यों में बड़ी संख्या में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों और सड़कों के कार्य को पूरा किया गया है।
Addressing the inaugural ceremony of infrastructure projects constructed by BRO in the North East. https://t.co/BLGCUsBLmJ
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2021
गौरतलब है कि, पिछले साल लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के संग खूनी झड़प की घटना ने भारत-चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव को तेज कर दिया था। यह तनाव आज भी बरकरार है। इस घटना के बाद से लद्दाख में जहां एक तरफ भारतीय सेना ने अपनी स्थिति और मजबूत की है, वहीं पूर्वोत्तर में भी सेना अपनी बेहतर स्थिति में है। सिक्किम और अरुणाचल के साथ लगी सीमा पर भारत ने अपनी स्थिति पहले मुकाबले अधिक मजबूत कर ली है।