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Delhi Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण पर SC सख्त, कहा- दिल्ली-NCR में लगे 2 दिन का लॉकडाउन

Delhi Pollution: वहीं, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने स्कूल जाते मासूम बच्चों के स्वास्थ्य पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ये बच्चे दमखोटू हवा में स्कूल जाने पर मजबूर हैं। हवा की स्थिति दिन व दिन बिगड़ रही है। सरकार ने अब इस दिशा में कोई प्रयास क्यों नहीं किया और अगर किया है, तो धरातल पर इसके नतीजे क्यों दिख रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भयावह होते प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमवी रमण ने आज केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या राजधानी में लगा दें दो दिन का लॉकडाउन? फिलहाल कोर्ट की इस रोषपूर्ण प्रतिक्रिया पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन कोर्ट ने राजधानी में भयावह होते प्रदूषण की स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी में प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है। हम यह जानना चाहते हैं कि सरकार की तरफ से इस पर विराम लगाने की दिशा में क्या कुछ प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली की जनता दमघोटू हवा में सांस लेने पर मजबूर है, लेकिन अभी तक धरातल पर सरकार की किसी भी कोशिशों का नतीजा धरातल पर होता हुआ नहीं दिख रहा है।

बच्चे दमघोटू हवा में स्कूल जा रहे हैं 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने स्कूल जाते मासूम बच्चों के स्वास्थ्य पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ये बच्चे दमखोटू हवा में स्कूल जाने पर मजबूर हैं। हवा की स्थिति दिन व दिन बिगड़ रही है। सरकार ने अब इस दिशा में कोई प्रयास क्यों नहीं किया और अगर किया है, तो धरातल पर इसके नतीजे क्यों दिख रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल है।

किसानों को लेकर कही ये बात

इसके साथ ही किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आखिर किसानों को अब तक कोई विकल्प क्यों नहीं मुहैया कराया गया है। आखिर क्यों अब तक किसान भाई पराली जलाने पर मजबूर हैं। सरकार क्यों नहीं किसानों को डिकंपोजर मुहैया कराती है, जिससे पराली का निपटारा हो सकें, ताकि दिल्ली समेत अन्य राज्यों को प्रदूषण की मार का सामना ना करना पड़े। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं।

farmer burning parali

सरकार को अतिशीघ्र पराली के निपटान की दिशा में ऐसा कोई विकल्प उपलब्ध करवाना चाहिए, जिससे उन्हें इसे जलाना न पड़े। विदित हो कि बीते दिनों नासा की तरफ से एक आंकडा जारी किया गया था, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि राजधानी में प्रदूषण के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार किसानों द्वारा पराली जलाए जाना है। वहीं, जब इस संदर्भ में   किसानों से सवाल पूछा जाता है, तो वे अपनी बेबसी बयां करते हुए कहते हैं कि हम विकल्प विहिन हैं। हमारे पराली निपटान के लिए कोई विकल्प नहीं हैं।

घरों पर मास्क लगाने को मजबूर लोग

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता इस कदर अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि लोग घरों पर भी मुंह पर मास्क लगाने को मजबूर हो रहे हैं। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो वो दिन दूर नहीं है, जब खुली हवा में सांस लेना गुजरे जमाने की बात हो जाएगी।  खैर, आगामी सोमवार तक कोर्ट की सुनवाई टल गई है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में कोर्ट का कैसा रूख रहता है।

मास्क

वहीं, अगर इस मसले पर दिल्ली सरकार के रूख की बात करें, तो सीएम केजरीवाल मंदिर दर्शन पर में लगे हुए हैं। उनके रूख से साफ जाहिर होता है कि उन्हें राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की कोई फिक्र नुहीं है। वहीं, जब उनसे इस संदर्भ में सवाल किया गया तो उन्होंने बेहद ही गोलमोल  अंदाज में जवाब दिया है जिसे लेकर अब वे सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किए जा रहे हैं।