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Delhi Air Quality: सोमवार तक फूलने लगेगी दिल्ली वालों की सांस, वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में, हालात होंगे और खराब

Delhi Air Quality: नासा(NASA) में यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन में वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने पीएम की गुणवत्ता को लेकर कहा कि, आने वाले दो से तीन दिन में सिंधु और गंगा(Ganga) के मैदानी इलाकों में पीएम 2.5 अधिक होने का अनुमान है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से वायु की गुणवत्ता खराब होने की राह है। शनिवार की सुबह जब वायु गुणवत्ता मापी गई तो इसकी श्रेणी ‘मध्यम’ रही, वहीं सोमवार को इसके ‘खराब’ की श्रेणी में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। बता दें कि दिल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 168 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। वहीं शुक्रवार को एक्यूआई 134 रहा था। वहीं अगर मानकों पर नजर डालें तो शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बेहद खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता ‘सफर’ ने माना है कि अगर दिल्ली में इस तरह के बदलाव का कारण दक्षिण पश्चिम के शुष्क क्षेत्रों से आने वाली धूल है।

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कहा गया है कि, ‘अमृतसर, पंजाब और पड़ोसी सीमावर्ती क्षेत्रों में खेतों में पराली जलनी शुरू हो गई है और इससे शहर की वायु गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है।’ सफर के अधिकारी के अनुसार, ‘शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट आने की आशंका है। इसके बाद 27 सितंबर और 28 सितंबर को इसके मध्यम श्रेणी से खराब की श्रेणी में जाने की आशंका है।’

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नासा में यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन में वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने पीएम की गुणवत्ता को लेकर कहा कि, आने वाले दो से तीन दिन में सिंधु और गंगा के मैदानी इलाकों में पीएम 2.5 अधिक होने का अनुमान है। वहीं राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के लिए बढ़ते वाहन के साथ नजदीकी राज्य हरियाणा, पंजाब में पराली जलाना भी एक कारण है, इन राज्यों की सरकार ने अपने प्रदेश में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा हैं, और जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी कई किसान ऐसे हैं जो पराली जलाने सा बाज नहीं आते हैं। जिससे देश की राजधानी का वायु प्रदूषण हर साल इन्हीं दिनों में खराब हो जाता है।