नई दिल्ली। पंजाब के बाद अब दिल्ली में भी लोकसभा की सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी यानी आप के बीच तलवारें खिंच गई हैं। आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को कहा था कि वो दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ 1 ही सीट दे सकती है। अब आम आदमी पार्टी की तरफ से 1 सीट का प्रस्ताव देने पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा है कि उनकी पार्टी भी दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीट पर लड़ने को तैयार है। हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान ही करेगा। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या आम आदमी पार्टी दिल्ली की एक भी सीट नहीं जीत सके थे। सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया था।
पंजाब में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और वहां के सीएम भगवंत मान ने सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। पंजाब में पहले से ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में खटपट चल रही थी। अब पंजाब के बाद दिल्ली की वजह से भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की खटपट बढ़ने के आसार हैं। इससे विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में भी रार मचनी तय है। पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी पहले ही राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले दम चुनाव लड़ने का एलान करते हुए कांग्रेस पर अहंकारी होने का आरोप लगा चुकी हैं।
इंडिया गठबंधन को हाल के दिनों में कई झटके भी लगे। पहले ममता ने अकेले लड़ने का एलान किया। फिर नीतीश कुमार साथ छोड़कर बीजेपी के पाले में चले गए। बीते दिनों आरएलडी के जयंत चौधरी ने भी इंडिया गठबंधन से अलग होकर बीजेपी का दामन थामने का एलान कर दिया। यूपी में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 11 लोकसभा सीटें छोड़ने की घोषणा की थी। इससे भी यूपी कांग्रेस के नेता सहमत नहीं हैं। इससे पहले कांग्रेस के बारे में ये चर्चा थी कि वो कम से कम 280 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है। अब जिस तरह इंडिया गठबंधन में सीटों के मसले पर रार मची है, उसमें कांग्रेस की ये चाहत आने वाले दिनों में और भी बढ़ोतरी करा सकती है।