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तबलीगी जमात पर दिल्ली पुलिस ने कसा शिकंजा, बैंक खातों, पैन, टैक्स डीटेल की मांगी जानकारी

पुलिस यह पता लगाने में भी जुटी है कि मरकज से कितने लोगों को दिल्ली की दूसरी मस्जिदों या फिर घरों में शिफ्ट किया गया। मरकज के मेंबर्स से यह भी पूछा गया है कि उनके संगठन के नाम से कर्फ्यू पास जारी किए गए थे और 12 मार्च के बाद कौन-कौन से सरकारी अधिकारी उनके यहां पहुंचे थे।

नई दिल्ली। देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ाने में भूमिका निभाने वाली तबलीगी जमात को लेकर अब एक और आफत आ गई है। दिल्ली पुलिस ने इस तबलीगी जमात पर शिकंजा कसते हुए उससे बैंक खातों, पैन, टैक्स डीटेल की जानकारी मांगी है। जमात से पुलिस ने पूछा है कि पिछले तीन सालों में कितना टैक्स भरा है, उसके बैंक खातों में कहां-कहां से कितने पैसे आए हैं।

Tablighi jamat

जमात के कारण कोरोना के मरीजों में इजाफा

आपको बता दें कि तबलीगी जमात के कारण देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, देश के हर कोने से इस जमात के मरकज में शामिल होने आए लोगों में कोरोनावायरस के संक्रमण पाए जा रहे हैं। इसके अलावा तबलीगी जमात में विदेशों से भी लोग शामिल हुए थे। ऐसे में दिल्ली पुलिस इस जमात को लेकर हर नजरिए से जांच कर रही है।

फंडिंग के स्रोत की जानकारी मांगी है

पुलिस ने उनसे आलमी मरकज और इसके निजामुद्दीन स्थित मुख्यालयों की फंडिंग के स्रोत की जानकारी मांगी है। जमात ने पिछले तीन सालों में कितना टैक्स भरा है, उसके बैंक खातों में कहां-कहां से कितने पैसे आए हैं, इन सब डीटेल्स के साथ पैन भी मांगा गया है। मरकज के प्रमुख मौलाना साद और छह अन्य सदस्यों से उन विदेशियों और भारतीय जमातियों की लिस्ट भी मांगी गई है जिन्होंने 11 से 13 मार्च के दौरान आयोजित ‘जोड़’ कार्यक्रम में शिरकत की थी।

क्या आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति ली थी

मरकज के मेंबरों से पूछा गया है कि क्या उन्होंने इतने बड़े आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति ली थी, क्या उन्हें इसकी लिखित अनुमति दी गई थी और क्या आलमी मरकज ने प्रशासन से किसी और मामले में संपर्क किया था? उन्हें कमिटी मेंबर्स और मरकज के कर्मचारियों की लिस्ट भी पुलिस को सौंपनी होगी। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अब मरकज के मौलाना साद कंधालवी समेत तबलीगी जमात की कोर कमिटी के सात सदस्यों को नोटिस जारी किया है। इन सातों की तलाश में जुटी पुलिस टीम से कहा गया है कि वे छानबीन के दौरान किसी भी अहाते में घुसने से पहले एहतियात बरतें क्योंकि संभव है कि ये सातों भी कोविड-19 से पीड़ित हों।

वॉलंटियरों की जानकारी भी पुलिस को देनी होगी

पुलिस की तरफ से मरकज से कहा गया है कि वह 1 जनवरी से 1 अप्रैल तक वहां हुए सारे आयोजनों में शामिल लोगों की संख्या, नक्शा या साइट प्लान और परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बताए। 12 मार्च के बाद जिन लोगों ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, उनके ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ ऑरिजनल रजिस्टर भी मांगा गया है जिसमें बाहर से आए लोगों के डीटेल्स दर्ज किए गए। मरकज को इस दौरान पार्किंग की देखरेख करने वालों और वॉलंटियरों की जानकारी भी पुलिस को देनी होगी।

Maulana Saad

मौलाना साद और उनकी कोर कमिटी के सदस्यों को यह भी बताना होगा कि क्या कोई श्रद्धालु कार्यक्रम के दौरान वहां बीमार भी पड़ा था और आलमी मरकज ने लोगों को निकालने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए थे, खासकर देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद। 12 मार्च के बाद मरकज के जिन लोगों को अस्पताल ले जाया गया, उनके डीटेल भी मांगे गए हैं।

आपको बता दें कि पुलिस यह पता लगाने में भी जुटी है कि मरकज से कितने लोगों को दिल्ली की दूसरी मस्जिदों या फिर घरों में शिफ्ट किया गया। मरकज के मेंबर्स से यह भी पूछा गया है कि उनके संगठन के नाम से कर्फ्यू पास जारी किए गए थे और 12 मार्च के बाद कौन-कौन से सरकारी अधिकारी उनके यहां पहुंचे थे।