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UP : भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन जारी, वाराणसी और बहराइच के डिप्टी कमिश्नर किए सस्पेंड

UP : सरकारी काम में उदासीनता और अनियमितता के आरोपों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बहराइच (Behraich) और वाराणसी (Varanasi) के उपायुक्त स्वतः रोजगार (Deputy Commissioner) को निलंबित (Suspend) करने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली। सरकारी काम में उदासीनता और अनियमितता के आरोपों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बहराइच (Behraich) और वाराणसी (Varanasi) के उपायुक्त स्वतः रोजगार (Deputy Commissioner) को निलंबित (Suspend) करने का आदेश दिया है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ अब विभागीय जांच होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।

Yogi Government

वर्तमान में उपायुक्त स्वतः रोजगार के पद पर बहराइच में पदस्थ सुरेन्द्र कुमार गुप्ता पर आरोप है कि जनपद हारदोई के ब्लॉक अहिरोरी में खंड विकास अधिकारी रहते हुए ग्राम खाड़ाखेड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्र के स्थलीय विवाद होने के स्थिति में न तो कोई कार्य कराया और न ही किसी फर्म से किसी भी निर्माण सामग्री की आपूर्ति ली। यही नहीं कोई मापाकंन भी नहीं कराया गया।

बावजूद इसके भुगतान की कार्यवाही की गई। इस प्रकार गुप्ता ने न केवल प्रक्रियात्मक त्रुटि की, बल्कि शासकीय धन का अनियमित तरीके से भुगतान करने की गड़बड़ी भी की। मुख्यमंत्री ने इसे घोर अनुशासनहीनता, लापरवाही और स्वेच्छाचारिता माना है। निलंबन का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ़ अनुशासनिक कार्यवाही के आदेश भी दिए हैं। संयुक्त विकास आयुक्त, लखनऊ मण्डल, लखनऊ को मामले में जॉच अधिकारी बनाया गया है।निलंबन अवधि में यह कार्यालय आयुक्त, ग्राम्य विकास, लखनऊ से संबद्ध रहेंगे।

इसी तरह सुरेश चन्द्र केसरवानी, उपायुक्त स्वतः रोजगार, वाराणसी पर राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के कार्यों में शिथिलता बरतने का आरोप है। केसरवानी के खिलाफ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग तथा उन्हें धमकाने की शिकायत भी मिली है। बीते दिनों मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी ने इनके कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां पत्रावलियों के निस्तारण तथा वित्तीय अनियमितता सम्बन्धी शिकायतें सामने आई थीं।

केसरवानी की उदासीनता के कारण दिसम्बर 2019 तक के लक्ष्य के सापेक्ष मासिक प्रगति की पूर्ति नहीं की जा सकी। इसके अलावा इन्हें जून 2019 में विकास खंड हरहुआ का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था, जिसके निर्वहन में भी केसरवानी ने लगातार उदासीनता बरती। मुख्यमंत्री ने इन्हें निलंबित कर इनके विरुद्ध विभागीय जांच कराने का आदेश दिया है।