नई दिल्ली। हिजाब विवाद मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें, हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट आज फैसला सुनाया जाना था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बेंगलुरु में कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के निवास के बाहर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई गई है। कर्नाटक में हाईकोर्ट के हिजाब फैसले से पहले कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए शिवमोग्गा में स्कूल और कॉलेजों को भी एक दिन के लिए बंद भी कर दिए गया था।
हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ही राजधानी बेंगलुरु समेत कई जिलों में तमाम तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। यहां के पुलिस कमिश्नर कमल पंत के मुताबिक आज से 21 मार्च तक सभी तरह की सभा, आंदोलन, विरोध या किसी भी तरह के समारोह नहीं हो सकेंगे। वहीं, दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त ने आज सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी का आदेश दिया है। यहां आंतरिक के अलावा दूसरी तरह की परीक्षाएं होंगी। उधर, कलबुर्गी के उपायुक्त के दफ्तर से बताया गया है कि जिला प्रशासन ने 19 मार्च की सुबह तक धारा 144 लागू की है। जिले में आज सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया। pic.twitter.com/8eVk4si9oR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
बता दें कि हिजाब का विवाद उडुपी जिले से शुरू हुआ था। यहां 6 मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर स्थानीय कॉलेज गई थीं। जहां उन्हें प्रवेश से रोका गया था। ये छात्राएं इसके बाद हाईकोर्ट चली गईं। उन्होंने संविधान के मुताबिक मिली धार्मिक आजादी का मसला उठाया और कहा कि हिजाब के साथ कॉलेज जाने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और हिंदू छात्र भगवा गमछा डालकर कॉलेज पहुंचने लगे। हाईकोर्ट ने इस पर किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीक के साथ स्कूल-कॉलेज में प्रवेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
Karnataka High Court dismisses all writ petitions seeking permission to wear Hijab in colleges. pic.twitter.com/qYCLvDrIL9
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) March 15, 2022
इस मामले में कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने कोर्ट में कहा था कि संस्थाओं के अनुशासन के तहत हिजाब या अन्य धार्मिक प्रतीकों पर रोक है। इसके अलावा देश में हिजाब पर कोई रोक नहीं है। राज्य सरकार ने कहा है कि छात्राएं अगर चाहें, तो हिजाब पहनकर स्कूल या कॉलेज के गेट तक आ सकती हैं, लेकिन क्लास में जाने से पहले उन्हें हिजाब उतारना होगा। सरकार ने कोर्ट में तर्क दिया था कि इस तरह के धार्मिक प्रतीक किसी भी जगह यूनिफॉर्म में शामिल नहीं हैं।