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China-India Fight In Tawang: पहले गलवान और अब तवांग में संघर्ष, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रची भारत के खिलाफ ये साजिश!

बहरहाल, जैसे गलवान में हुआ था, वैसा ही चीन को भारतीय जवानों ने तवांग में भी अच्छे से पीटकर भगाया है। बताया जा रहा है कि पहले 9 दिसंबर को चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग पार्टी ज्यादा जवानों के साथ भारतीय पोस्ट की तरफ आई थी। उस दिन उन्हें खदेड़ने का काम किया गया था। फिर 11 दिसंबर को भी दुश्मन को पीटा गया।

नई दिल्ली। जब चीन में कोरोना कहर बरपा रहा था, तब चीन के सैनिकों ने साल 2020 में गलवान की घटना की थी। अब चीन में कोरोना के कारण लगी बंदिशों के खिलाफ लोग आवाज उठा रहे हैं, तो अरुणाचल प्रदेश में तवांग में चीन के सैनिकों ने भारतीय पोस्ट पर कब्जा जमाने के लिए हमारे जवानों से संघर्ष किया। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि कहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश की जनता का ध्यान बंटाने के लिए तो ये सबकुछ नहीं कर रहे हैं? ताकि तनाव बढ़े और भारत से ऐसे कई संघर्ष करके चीन अपने नागरिकों को कोरोना की पाबंदियों के बारे में सोचने के बजाय भारत से युद्ध में उलझा सके!

india and china

बहरहाल, जैसे गलवान में हुआ था, वैसा ही चीन को भारतीय जवानों ने तवांग में भी अच्छे से पीटकर भगाया है। बताया जा रहा है कि पहले 9 दिसंबर को चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग पार्टी ज्यादा जवानों के साथ भारतीय पोस्ट की तरफ आई थी। उस दिन उन्हें खदेड़ने का काम किया गया था। इसके बाद 10 दिसंबर को चीन की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद भी भारतीय जवान हमेशा की तरह चौकन्ने थे। 11 दिसंबर को चीन की तरफ से 600 जवान भारतीय पोस्ट की तरफ दौड़ते हुए आए। वे हर हाल में भारत की पोस्ट को हटाने की साजिश रचकर आए थे। चीन के सैनिकों ने पथराव किया। जिसका माकूल जवाब भारतीय जवानों ने भी दिया।

India and china 1

सेना के सूत्रों के मुताबिक भारतीय जवानों से इसके बाद चीन के सैनिक गुत्थमगुत्था हो गए। घूंसे और लात दोनों तरफ से चलने लगे। चीन के कुछ जवानों ने साथ लाए डंडे भी चलाए। इसका भी उसी तरह भारतीय जवानों ने जवाब दिया। भारत के 6 और चीन के करीब 30 जवान घायल हुए। कुछ जवानों को फ्रैक्चर हुआ है। कुछ की आंख पर घूंसा मारा गया। फिलहाल पूरी एलएसी पर सेना जबरदस्त चौकसी रख रही है। ताकि चीन की किसी भी मंशा को नाकाम किया जा सके।