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CNC Machine To Pakistan: पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम में चीन दे रहा मदद, सीएनसी मशीन की जांच के बाद हुआ पुख्ता खुलासा

CNC Machine To Pakistan: जिस सीएनसी मशीन को एक जहाज में लदा पाया गया, उसका इस्तेमाल पाकिस्तान अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में भी कर सकता है। माल्टा का झंडा लगे सीएमए सीजीएम अत्तिला जहाज से ये सीएनसी मशीन मिली थी। जिसकी जांच डीआरडीओ की टीम ने की है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान को परमाणु हथियार बनाने में चीन किस तरह सहयोग दे रहा है, इसका खुलासा अब पुख्ता तौर पर हो गया है। चीन से पाकिस्तान भेजी जा रही सीएनसी मशीन को बीते दिनों मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोक लिया गया था। भारतीय एजेंसियों ने खुफिया सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की थी। अब डीआरडीओ के विशेषज्ञों की टीम ने इस मशीन की जांच पड़ताल के बाद भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है। डीआरडीओ की इस रिपोर्ट के मुताबिक इटली में बनी और चीन से पाकिस्तान भेजी जा रही कम्प्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल यानी सीएनसी मशीन का दोहरा इस्तेमाल किया जा सकता है। यानी इस सीएनसी मशीन से हथियार भी बनाए जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक जिस सीएनसी मशीन को एक जहाज में लदा पाया गया, उसका इस्तेमाल पाकिस्तान अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में भी कर सकता है। माल्टा का झंडा लगे सीएमए सीजीएम अत्तिला जहाज से ये सीएनसी मशीन मिली थी। 23 जनवरी को जानकारी मिलने के बाद सीमा शुल्क अफसरों ने इस जहाज को न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोक लिया था। जांच में पता चला कि जो सीएनसी मशीन जहाज के जरिए पाकिस्तान जा रही थी, वो इटली में निर्मित है। सूत्रों के मुताबिक मशीन की जांच के लिए डीआरडीओ से कहा गया था। डीआरडीओ ने इसके लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई थी। इसी टीम ने जांच के बाद बताया कि पाकिस्तान भेजी जा रही सीएनसी मशीन का इस्तेमाल परमाणु हथियार और मिसाइल बनाने में किया जा सकता है। खास बात ये भी है कि सीएनसी मशीनों को अमेरिका में पारित वासेनार समझौते के तहत रखा गया है। इस समझौते के तहत खतरनाक सैनिक उपकरणों का प्रसार रोका जाता है।

जानकारी के मुताबिक सीएनसी मशीन का जो बिल मिला है, उसमें शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक्स का नाम है। मशीन को पाकिस्तान विंग्स प्राइवेट लिमिटेड को भेजा जा रहा था। जब इसकी और जांच की गई, तो पता चला कि सीएनसी मशीन को ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट की तरफ से पाकिस्तान के कॉसमॉस इंजीनियरिंग को भेजा गया था। यानी इसमें नाम छिपाने का काम भी किया गया। इससे पहले 2020 में चीन की तरफ से पाकिस्तान को हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाला ऑटोक्लेव भी भेजा जा रहा था। इस मशीन को औद्योगिक ड्रायर के नाम से पहचान छिपाकर भेजा जा रहा था, लेकिन भारत ने इसे भी जब्त कर लिया था।