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Rana Ayyub’s assets attached: राणा अयूब के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, 1.77 करोड़ की संपत्ति की जब्त

Rana Ayyub Misuse Public Funds:पर्वतन निदेशायल ने इस तथ्य को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम राणा ने Ketto.org के अभियान के तहत चंद के रूप में प्राप्त की गई रकम में से सबसे पहले उन्होंने अपने बचत खाते से सबसे पहले 50 लाख रूपए की एफडी कराई।

नई दिल्ली। पत्रकार राणा अयूब को लेकर खबर सामने आई है कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी 1.77 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है। राणा के खिलाफ यह कार्रवाई धन शोधन अधिनियम 2002 के तहत की गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने राणा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पत्रकार ने आम लोगों से चंदे के नाम पर यह संपत्ति अर्जित की है। बता दें कि राणा एक एनजीओ की संचालिका हैं। उक्त रकम उन्होंने एनजीओ को संचालित करने के ध्येय से चंदे के रूप में प्राप्त की थी, लेकिन बाद में उन्होंने निजी उपयोग के मकसद से इसका एफडी करवा लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने आगे अपने आरोप में कहा कि चंदे के रूप में प्राप्त की गई रकम को राणा अपने पारिवारिक सदस्य के खातों के जरिए निकालने लगीं।

Personal expenses, fixed deposit in father's name, transfers to her sister out of public funds: Details as ED attaches assets worth Rs 1.77 crores of Rana Ayyub

प्रवर्तन निदेशायल ने इस तथ्य को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम राणा ने Ketto.org अभियान के तहत चंदे के रूप में प्राप्त की गई रकम में से सबसे पहले अपने बचत खाते से 50 लाख रूपए की एफडी कराई। जिसके बाद उन्होंने चालू खाता खुलवाया और चालू खाते में आने वाले रकम उनकी बहन और पिता के खातों में चले जाते थे, तो इस तरह से राणा अयूब जिस ध्येय से चंदा एकत्रित करती थी, उस ध्येय की पूर्ति न करते हुए वो उस रकम का उपयोग अपने निजी हितों की पूर्ति कें लिए करती थी। जिसके खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय ने उक्त कार्रवाई की है।

UN Experts Call on Indian Authorities to Provide Protection to Rana Ayyub

राणा अयूब द्वारा इस तरह से अर्जित की गई रकम को प्रवर्तन निदेशालय ने अपराध द्वारा अर्जित की गई आय करार दिया है। निदेशालय ने आगे कहा कि राणा अयूब को अवैध तरीके से धनार्जन करने के इतर अधिग्रहण, कब्जा, और बेदागी संपत्ति के मामले में भी संलिप्त पाया गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है। यहां तक की आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अगर हम पुलिस की कार्रवाई का इंतजार करते, तो हम उनकी संपत्ति भी कुर्क नहीं कर पाते। हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। अब ऐसे में देखना होगा कि निदेशालय की तरफ से तो कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन अब पुलिस की तरफ से क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।