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सीएम नीतीश बोले, शिक्षा का मतलब केवल पढ़ना नहीं, ज्ञानी बनना है

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने यहां सोमवार को कहा कि शिक्षा का मतलब केवल पढ़ना नहीं, बल्कि ज्ञानी बनना है। उन्होंने शिक्षकों के लिए ‘नियोजित’ शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताई।

पटना। बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने यहां सोमवार को कहा कि शिक्षा का मतलब केवल पढ़ना नहीं, बल्कि ज्ञानी बनना है। उन्होंने शिक्षकों के लिए ‘नियोजित’ शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले छात्रों के ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ की चर्चा करते हुए भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो ऋण माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “हमलोगों की इच्छा थी कि सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें। 8,386 पंचायतों में से 5,082 ग्राम पंचायतों में माध्यमिक विद्यालय बना दिया गया है, शेष 3,304 पंचायतों में आज से नौवीं क्लास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।”

nitish kumar, cm

उन्होंने कहा कि नौवीं की पढ़ाई 1 अप्रैल से ही शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खुल पाए। स्कूल खुलने के बाद बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए हमने कई काम किए गए। मानव विकास मिशन की शुरुआत की गई।”

नीतीश राज्य की पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के लिए बने भवनों का उद्घाटन करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन नियोजित शिक्षकों के बढ़े वेतनमान की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, “हमने शिक्षकों के लिए कभी ‘नियोजित’ शब्द का प्रयोग नहीं किया है। नई सेवाशर्त में उन्हें प्रोन्नति के भी अवसर मिलेंगे। शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है।”

उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, “विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं के बाद नियुक्ति के आधार में आवश्यक परिवर्तन किया जाएगा।”

नीतीश ने कहा, “शिक्षकों की सुविधा के लिए हमलोग हमेशा प्रयासरत हैं।” उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 के दौर में शिक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए डीबीटी के माध्यम से 2892 करोड़ 20 लाख की राशि बच्चों के बैंक खाते में भेजी गई है। बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना, मध्याह्न् भोजन योजना की राशि भी भेज दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट योजना की शुरुआत की गई, जिसमें लड़कियों को 1 प्रतिशत एवं लड़कों को 4 प्रतिशत ऋण पर ब्याज उपलब्ध कराया गया है, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा, “उच्च शिक्षा के लिए अब तक 4 हजार करोड़ रुपये का ऋण छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है। छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान दें, जरूरत हुई तो ऋण माफ भी किया जा सकता है।” कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा किए गए कार्यो पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।