नई दिल्ली। जहां एक तरफ कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में किसान संगठनों का आंदोलन जारी है वहीं यूपी के मुजफ्फरनगर में सोमवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। बता दें कि मामले की शुरुआत पहले नोंकझोंक से हुई, फिर ये तकरार मारपीट तक जा पहुंची। जिसमें दोनों तरफ से कई लोगों के घायल होने की खबर है। इस मामले को लेकर RLD नेता जयंत चौधरी ने एक ट्वीट में कहा है कि, “सोरम गाँव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष, कई लोग घायल! किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम, व्यवहार तो अच्छा रखो। किसान की इज़्ज़त तो करो! इब कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गाँववाले?”
सोरम गाँव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष, कई लोग घायल! किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम, व्यवहार तो अच्छा रखो। किसान की इज़्ज़त तो करो! इब कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गाँववाले?#मुजफ्फरनगर pic.twitter.com/X21oP7iTgP
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) February 22, 2021
वहीं घटना को लेकर बताया जाता है कि एक तेरहवीं में सोरम गांव में गए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान का कुछ लोग विरोध कर रहे थे। बताया जाता है कि, विरोध करने वालों की कुछ युवकों ने पिटाई की गई। जिसके बाद दोनों पक्षों में संघर्ष की स्थिति बन गई। इसके अलावा जब संजीव बालियान वहां से चले गए तो सोरम गांव में पंचायत भी हुई।
संजीव बालियान ने ट्वीट कर कहा-
वहीं इस घटना पर केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि, “आज जब सोरम में स्वर्गीय श्री राजबीर सिंह जी की शोकसभा एवं रस्म पगड़ी में शामिल हुआ, इस दौरान लोकदल के 5-6 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बदतमीजी तथा गाली गलौज की। जिस पर स्थानीय निवासियों ने उन्हें ऐसा करने को मना किया तथा वहां से भगा दिया।”
एक और ट्वीट में संजीव बालियान ने RLD पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “लोकदल पार्टी जिस तरह से किसानों की आड़ में आपसी भाईचारा खराब करने का प्रयास किया वह निंदनीय है।
कुछ लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन होते देख केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने गाड़ी पर खड़े होकर कहा कि, 10 लोगों के विरोध के चलते मुर्दाबाद नहीं होता, मैं किसानों के बीच जाता रहूंगा। दरअसल, किसानों की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि जब सरकार पहले दिन से किसान आंदोलन को सिर्फ एक प्रदेश के चंद किसानों का आंदोलन बता रही है तो अब बीजेपी के नेता यूपी में किसानों को मनाने क्यों आ रहे हैं।