नई दिल्ली। मान लिया कि भारतीय संविधान अपने मौलिक अधिकारों के तहखाने से अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है, लेकिन लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि यह आजादी लोकतंत्र को संबल प्रदान करने के लिए दी गई है न कि समाज में उन्माद फैलाने या किसी विशेष संप्रदाय से संबंध रखने वाले किसी व्यक्ति विशेष को बदनाम करने के लिए। इसके साथ ही अभिव्यक्ति की आजादी न महज भारतीय परिधि तक सीमित है, बल्कि प्रत्येक देश ने इसकी जरूरत को महसूस कर इसे अपने यहां प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया है, लेकिन कई बार इनके अनुचित प्रयोग देखें जाते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के बेजा का इस्तेमाल का ताजा मामला ऑस्ट्रेलिया से सामने आया है। आइए, हम आपको इसके बारे में सब कुछ तफसील से बताते हैं।
जानिए पूरा माजरा
आप इस बात से तो वाकिफ ही होंगे कि आज यानी की सोमवार को कर्नाटक शिवमोगा में बजरंग दल के युवा कार्यकर्ता 26 वर्षीय हर्षा की हत्या की खबर सामने आई है। हर्षा कथित तौर पर हिजाब के विरोधी बताए जा रहे हैं। बीते दिनों उसने हिजाब के विरोध में कुछ टिप्पणी भी की थी। जिसके बारे में हम आपको बताएंगे। लेकिन उससे पहले हम आपको इस पूरे मामले में ऑस्ट्रेलिया के एंगल से रूबरू कराए चलते हैं।
दरअसल, हर्षा की हत्या को ऑस्ट्रेलिया के मशहूर लेखक सीजे वर्लमैन ने एक हिंदू आतंकवादी की हत्या करार दिया। जिसे लेकर लोग अब सोशल मीडिया पर एतराज जता रहे हैं। हम आपको उन सभी एतराज भरे अल्फाजों से रूबरू कराएंगे। लेकिन आइए उससे पहले हम आपको ऑस्ट्रेलियाई लेखक के ट्वीट के बारे में बताए चलते हैं, जिसमें उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या को एक आतंकवादी की हत्या करार दिया है। उन्होंने हर्षा की हत्या पर टिप्पणी कर यह जाहिर करने से कोई गुरेज नहीं किया किया है कि यह हिंदू आतंकवादी की हत्या है। विगत दिनों हर्षा ने हिजाब के विरोध में भी टिप्पणी की थी।
ऑस्ट्रेलियाई लेखक सीजे वर्लमैन का ट्वीट
I am sure the govt will take action on this fake tweet let’s make sure we report this tweet. https://t.co/FJYNo57i6y https://t.co/dAsEoTHwhr
— अंकित जैन (@indiantweeter) February 21, 2022
इसके अलावा उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद का युवा विंग है। जिसे अमेरिकी सरकार ने एक “आतंकवादी धार्मिक संगठन” उर्फ आतंकवादी संगठन के रूप में पहचाना है। इसके अलावा उन्होंने अपने तीसरे में ट्वीट में हिंदुओं को फासीवाद तक करार दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि प्रिय हिंदुत्व फासीवादियों, अब आप मौत की धमकियों और मेरे ट्वीट को बड़े पैमाने पर रिपोर्ट करने से रोक सकते हैं।
Bajrang Dal is the youth wing of VHP, which the US government has identified as a “militant religious outfit” aka terrorist organization.https://t.co/azjFAW4Emy
— CJ Werleman (@cjwerleman) February 21, 2022
इस मामले में हैरानजनक तथ्य तो यह उभरकर सामने आया है कि अभी तक ट्विटर की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि ऑस्ट्रेलिया लेखक खुलेआम खुद के ट्वीट को रिपोर्ट करने की बात कही है। ट्विटर का साफ कहना है कि लेखक के ट्वीट से किसी भी ऐसे नियम का उल्लंघन होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, जिसे देखते हुए उसे रिपोर्ट किया जा सकें।
ध्यान रहे कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब इस ऑस्ट्रेलियाई लेखक ने इस तरह हिंदुओं के संदर्भ में कोई टिप्पणी की हो, बल्कि इससे पहले भी वे विगत वर्ष हिंदुओं के संदर्भ में अपमानजनक टिप्पणी कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि “दुनिया का कोई भी जाति-मजहब-राष्ट्रवादी समूह सेक्स और रेप को लेकर उतना जुनूनी नहीं है, जितने कि हिन्दू राष्ट्रवादी।” ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने न्यूजीलैंड के समर्थन की बात कही थी, क्योंकि उनके अनुसार वो ’50 करोड़ हिंदुत्व कट्टरपंथियों’ को खुश नहीं देख सकते, लेकिन हैरानी की बात रही कि उस वक्त ट्विटर ने कोई भी कार्रवाई करना उचित न समझा। इस तरह से कई मौकों पर ट्विटर का दोहरा पैमाने सवालिया कठघरे में कई मौकों पर सामने आया है। कई लोग इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए भी दिखे हैं, लेकिन अफसोस धरातल पर इन आवाजों की कोई तासीर नहीं दिखी।
यहां देखिए लोगों की रोषपूर्ण प्रतिक्रिया