नई दिल्ली। पांच साल तक देश के सबसे बड़े राष्ट्रपति के संवैधानिक पद को संभालने के बाद रामनाथ कोविंद रिटायर हो रहे हैं। वो अब विशालकाय राष्ट्रपति भवन में नहीं रहेंगे। रामनाथ कोविंद के लिए मोदी सरकार ने दिल्ली के लुटियंस इलाके में स्थित जनपथ पर बंगला तैयार कराया है। इस बंगले का नंबर 12 है। रामनाथ कोविंद के नए ठिकाने के बगल में ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का बंगला 10 जनपथ है। इस तरह रामनाथ कोविंद और सोनिया गांधी आज से पड़ोसी हो रहे हैं। कोविंद का सारा निजी सामान 22 जुलाई को ही राष्ट्रपति भवन से नए बंगले में पहुंचा दिया गया था। अब वो अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ जीवन पर्यंत यहां रहेंगे।
जनपथ के 12 नंबर बंगले की बात करें, तो यहां एलजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान रहते थे। उनके निधन के बाद काफी दिन तक उनके बेटे चिराग अपनी मां रीना के साथ रहे। चिराग इस बंगले को पासवान की स्मृति में बनाए रखना चाहते थे, लेकिन जब उनका और चाचा पशुपति पारस का विवाद छिड़ा और पशुपति ने एलजेपी पर कब्जा कर लिया, तो मोदी सरकार ने नोटिस देकर इस बंगले को खाली करा लिया था। इसके बाद पशुपति पारस को ये बंगला अलॉट हुआ, लेकिन उन्होंने यहां रहने से इनकार कर दिया। इसके बाद केंद्रीय संचार और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ये बंगला दिया गया, लेकिन उन्होंने भी यहां रहने से मना कर दिया।
अब बात करते हैं कि रिटायरमेंट के बाद रामनाथ कोविंद को क्या-क्या सुविधाएं मिलती रहेंगी। अब कोविंद को हर महीने 1.5 लाख रुपए पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही सेक्रेटेरियल स्टाफ के लिए 60000 रुपए हर महीने मिलेंगे। उनकी पत्नी सविता को भी सेक्रेटेरियल काम के लिए हर महीने 30000 रुपए सरकार देगी। पूर्व राष्ट्रपति को दो सचिव मिलेगे। बंगले का कोई किराया नहीं देना होगा। साथ ही यहां दो लैंडलाइन, मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधा, ट्रेन और हवाई यात्रा, गाड़ी, ड्राइवर भी फ्री होंगे। ट्रेन और फ्लाइट में वो अपने साथ एक और को भी मुफ्त ले जा सकेंगे। कुल मिलाकर कोविंद के पास 5 लोगों का स्टाफ आज से होगा। दिल्ली पुलिस भी चौबीस घंटे उन्हें सुरक्षा देगी।