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खेल पुरस्कार का नाम बदलने पर कांग्रेस को भले ही लगे मिर्ची लेकिन ट्रॉफी, स्‍टेडियम और सरकारी स्‍कीम में आज भी गांधी परिवार आगे

Neharu-Gandhi Family: 2014 में मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद कई स्कीमों के नामों को बदल दिया।  इसको लेकर कांग्रेस ने सत्ता पक्ष पर आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार उसकी सरकारों में आई स्‍कीमों के नाम बदल रही है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने शुक्रवार को खेल के क्षेत्र में दिये जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि, “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!” बता दें कि मोदी सरकार के इस कदम को लेकर कांग्रेस से दबे मन से स्वागत तो किया लेकिन साथ ही में अपना एक और मांग रख दी। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से अरुण जेटली स्टेडियम और नरेंद्र मदी स्टेडियम के नाम को भी बदलने की मांग की गई है।

हालांकि कांग्रेस की तरफ से भले ही अब भाजपाई नेताओं के नाम पर बने स्टेडियमों के नाम बदलने की मांग की गई हो लेकिन सच तो ये है कि देश में गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर सैकड़ों स्‍कीमें आज भी चल रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में आज के समय में कम से कम 600 सरकारी योजनाएं चल रही हैं। वहीं कई संस्‍थानों, जगहों के नाम, स्‍कॉलरशिप, म्‍यूजियम और अवॉर्ड के नाम गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर चलाए जा रहे हैं। इनमें कई संस्थाएं जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर हैं। हाल ये था कि, 2014 से पहले तक अकेले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर ही 16 केंद्रीय सरकारी योजनाएं चल रही थीं। इतना नहीं कांग्रेस की सबसे ताकतवर नेता कही जाने वाली और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर भी करीब 27 स्‍कीमें चलाई जा रही थीं। हालांकि 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो इनमें से कई योजनाओं के नाम बदल दिए गए।

Sonia Gandhi Rahul Gandhi Manmohan

यूपीए के दूसरे कार्यकाल में संसद को जानकारी दी गई थी कि, सरकार प्रतिष्ठित लोगों के नाम पर 58 योजनाएं चलाती है। जिनमें से अकेले 16 योजनाएं राजीव गांधी के नाम चल रही थी। इनमें राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण अभियान, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, राजीव आवास योजना, राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना, एसटी छात्रों के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप, जैसी कुछ योजनाएं शामिल हैं। इनके अलावा इंदिरा गांधी के नाम पर 8 योजनाएं हैं। इनमें इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, इंदिरा आवास योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन आदि शामिल हैं।

सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने कई स्कीमों के नाम बदले

2014 में मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद कई स्कीमों के नामों को बदल दिया।  इसको लेकर कांग्रेस ने सत्ता पक्ष पर आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार उसकी सरकारों में आई स्‍कीमों के नाम बदल रही है। कांग्रेस का आरोप रहा कि केंद्र सरकार ने राजीव आवास योजना का नाम सरदार पटेल नेशनल मिशन फॉर अर्बन हाउसिंग, इंदिरा गांधी मातृत्‍व सहयोग योजना का प्रधानमंत्री मातृत्‍व वंदना योजना, राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना, जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्‍यूअल मिशन का अमृत, इंदिरा आवास योजना का प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना कर दिया है।

मौजूदा हाल में अभी भी कई योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम

फिलहाल मोदी सरकार ने भले ही कई योजनाओं के नाम बदल दिए हों, लेकिन अभी भी कई राज्‍यों में सैकड़ों स्‍कीमों, स्‍कॉलरशिप, स्थानों, ट्रॉफियों के नाम नेहरू-गांधी परिवार पर चल रहे हैं। राजीव गांधी के नाम पर केरल में राजीव गांधी इनडोर स्‍टेडियम, देहरादून में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्‍टेडियम, हैदराबाद में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्‍टेडियम, रोहतक में राजीव गांधी स्‍पोर्ट्स कॉम्‍प्‍लेक्‍स, मिजोरम में राजीव गांधी स्‍टेडियम इत्‍यादि उन्‍हीं के नाम पर हैं।