नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच किसानों से 400 लाख टन गेंहू खरीदने की जानकारी दी है। इस खरीद की वजह किसानों को अच्छा फायदा हुआ है। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से जानकारी मिली है कि, केंद्र ने अप्रैल में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 400.45 लाख टन गेहूं की खरीद की है। इस खरीद में किसानों के खातों में 79 हजार 088 करोड़ रुपये दिए गए। बता दें कि नवंबर 2020 के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल जारी है। इसके बीच सरकार ने किसानों से गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हासिल की गई है। यह सब तब हुआ है, जब किसान संघ की तरफ से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग हो रही है। बता दें कि सामने आई जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2021-22 के चालू रबी विपणन सत्र में गेहूं की खरीद एमएसपी पर सुचारू रूप से जारी है। यह कार्य पिछले सत्र में भी किया गया था।
बता दें कि 27 मई तक 400.45 लाख टन की गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी समय में 353.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। वहीं इसको लेकर सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि MSP मूल्य (जो लगभग 79,088.77 करोड़ रुपये है) पर चल रहे खरीद अभियान से लगभग 42.36 लाख किसान पहले लाभ पा चुके हैं। यह खरीद पूरे 2020-21 विपणन वर्ष में हासिल किए गए 389.92 लाख टन के पिछले उच्च स्तर को पार कर गई है। सत्र 2021-22 अप्रैल से मार्च तक रबी विपणन चलता है लेकिन अधिकांश खरीद जून में होती है।
सरकार के मालिकाना हक वाली संस्था भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए प्रमुख एजेंसी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत, केंद्र लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं और चावल की बिक्री 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर करता है।