नई दिल्ली। गुजरात सरकार (Government of Gujarat) ने शुक्रवार को एक बार फिर गुटखा (Gutkha) की बिक्री, स्टॉकिंग, उत्पादन और वितरण के साथ-साथ तंबाकू और निकोटीन युक्त उत्पादों (nicotine-rich products) पर एक और साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। इन उत्पादों पर प्रतिबंध 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाया गया था। आज राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel) के द्वारा इस आदेश को जारी किया गया है।
गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल कहा, “राज्य में तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध है, जहां इन उत्पादों का स्टॉकिंग, उत्पादन और वितरण प्रतिबंधित है। जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने प्रतिबंध को एक और वर्ष के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।”
पटेल ने कहा कि नागरिकों और अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, हमें राज्य में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य है।
पटेल ने कहा कि शिक्षण संस्थानों और स्कूलों के सौ गज के दायरे में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने वाला कानून राज्य में सख्ती से लागू किया जा रहा है। पटेल ने कहा, “हमने खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्राधिकरण (एफडीसीए) द्वारा की गई छापेमारी से तीन साल में इस कानून के लगभग 10,000 उल्लंघनकर्ताओं से ग्यारह लाख रुपये जुर्माना वसूले हैं।
गुजरात में तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार ने 11 सितंबर, 2012 को गुटखा और पान मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब से हर साल राज्य सरकार एक साल की अवधि के लिए प्रतिबंध को बढ़ाती जा रही है।