मुंबई। महाराष्ट्र की सियासी हवा अजित पवार के भाजपा के खेमे में शामिल होने की खबरों से गर्म है। हालांकि अजित पवार ने चाचा शरद पवार के साथ इफ्तार पार्टी में शामिल होकर ये साफ़ संदेश दिया कि इस तरह की खबरें महज अफवाह हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि में जीवन भर एनसीपी के साथ रहकर सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। लेकिन बावजूद इसके अब शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) का इस बारे में सख्त रुख सामने आ गया है। उनके वरिष्ठ नेता संजय राउत ने स्पष्ट शब्दों में कहा, हम अजित पवार के इस रवैये को लेकर बेहद सतर्क हैं। संजय राउत ने इस बात का भी जिक्र किया कि उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र सामना में सच्चाई को लिखा, जिसकी वजह से भाजपा का ऑपरेशन लोटस नाकाम हो गया। इसके साथ ही उन्होंने अजित पवार से सवाल भी पूछा की आखिर मेरी सच्चाई आपको रास क्यों नहीं आ रही ?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि महाराष्ट्र में जोड़ तोड़ की सियासत को करीब से देखने वाले नेता संजय राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ” माजूदा समय में NCP के तमाम नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है और एक के बाद एक भारतीय जनता पार्टी इसी दबाव के चलते एनसीपी को तोड़ने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही पुराने मुद्दे को कुरेदते हुए संजय राउत ने ये भी कहा कि जिस समय शिवसेना के भीतर बागवत के चलते टूट फूट हुई थी तब अजित पवार खूब टिप्पणी कर रहे थे, आज जब में कर रहा हूं तो ना जाने क्यों उन्हें ये पसंद नहीं आ रहा। MVA का चौकीदार होने के नाते सभी पार्टियों को एकजुट रखने की भी मेरी ही जिम्मेदारी है।
जब उनके दखलंदाजी करने पर अजित पवार ने नाराजगी जताई तो संजय राउत ने बड़े ही तीखे स्वर में कहा, “मैं लगातार मुखपत्र सामना में लिखना जारी रखने वाला हूं, मैं किसी के बाप से नहीं डरता।” गौर करने वाली बात ये है कि जब मंगलवार को ये खबरें चल रही थीं कि अजित पवार करीब 40 विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं तो उसपर सामना संपादकीय में संजय राउत ने अजित पवार पर टिप्पणी की थी। संजय राउत की इस टिप्पणी में एक कॉलम में स्पष्ट लिखा गया था, “भारतीय जनता पार्टी दवाबतंत्र की राजनीति करते हुए अजित पवार समेत एनसीपी नेताओं को ईडी की जांच और जेल जाने का डर दिखाकर धमकाने का प्रयास कर रही है।”