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Gujarat: PM मोदी ने किया स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन, जानिए संबोधन की अहम बातें

Gujarat: पीएम मोदी ने कहा कि, ”प्रमुख स्वामी जी से मेरा एक अध्यात्मिक नाता था, एक पिता-पुत्र का स्नेह था, एक अटूट बंधन था। आज भी वह जहां होंगे मेरे हर पल को देखते होंगे, बारीकी से मेरे हर काम को देखते होंगे। उन्होंने, मुझे जो सिखाया-समझाया क्या मैं उसी राह पर चल रहा हूं या नहीं, वह जरूर देखते होंगे।”

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुजरात पहुंचे। जहां उन्होंने अहमदाबाद में स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी शताब्दी महोत्सव (Pramukh Swami Maharaj Shatabdi Mahotsav) का उद्घाटन किया और कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी शामिल रहे। आपको बता दें कि ये महोत्सव एक माह 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक चलेगा। बता दें कि गुजरात विधानसभा में जीत का परचम लहराने के बाद पहली बार पीएम मोदी राज्य में पहुंचे। इस मौके पर पीएम मोदी की एक झलक पाने के लोगों की बड़ी संख्या मौजूद रही।

इतना ही नही पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल को भी तोड़ दिया और खुद बच्चे के मिलने पहुंच गए। पीएम मोदी ने बच्चों से हाथ भी मिलाया। जिसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है पीएम मोदी बच्चों के करीब पहुंच जाते है। इस दौरान आगे की लाइन में बैठे बच्चे पीएम का पैर भी छूते और आर्शीवाद भी लेते है।

pm modi

इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ”यह आयोजन देश और दुनिया को आकर्षित करेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित और प्रेरित करेगा। 15 जनवरी तक दुनिया भर से लाखों लोग मेरे पितातुल्य स्वामी जी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए यहां पधारने वाले हैं। UN में भी प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह मनाया गया।”

पीएम मोदी ने कहा कि, ”प्रमुख स्वामी जी से मेरा एक अध्यात्मिक नाता था, एक पिता-पुत्र का स्नेह था, एक अटूट बंधन था। आज भी वह जहां होंगे मेरे हर पल को देखते होंगे, बारीकी से मेरे हर काम को देखते होंगे। उन्होंने, मुझे जो सिखाया-समझाया क्या मैं उसी राह पर चल रहा हूं या नहीं, वह जरूर देखते होंगे।”

पीएम मोदी ने कहा कि, प्रमुख स्वामी जी का कहना था कि जीवन का एक सर्वोच्च लक्ष्य सेवा ही होना चाहिए, अंतिम सांस तक सेवा में ही जुटे रहना चाहिए। हमारे यहां नारायण कहते हैं कि ‘नर सेवा ही नारायण सेवा है’ और ‘जीव में ही शिव है’।