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जानिए भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों की गुमशुदगी पर क्या बोली इस्लामाबाद पुलिस

अब खबर आ रही है कि इस्लामाबाद पुलिस ने हिट-एंड-रन के मामले में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। इस्लामाबाद पुलिस की मानें तो एक बीएमडब्ल्यू कार ने एक पैदल यात्री को टक्कर मार दी।

नई दिल्ली। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों की गुमशुदगी पर भारत ने नई दिल्‍ली स्थित पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग के प्रभारी अधिकारी को तलब किया है। यही नहीं भारत ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के समक्ष भी इस मामले को उठाया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी सुबह एक वाहन पर आधिकारिक ड्यूटी के लिए उच्चायोग जाने के लिए सुबह करीब साढ़े आठ बजे निकले थे लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे थे।

India High commission Pakistan officer

अब खबर आ रही है कि इस्लामाबाद पुलिस ने हिट-एंड-रन के मामले में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। इस्लामाबाद पुलिस की मानें तो एक बीएमडब्ल्यू कार ने एक पैदल यात्री को टक्कर मार दी। यह घटना 8 बजे सुबह की है जब वह पैदल यात्री दूतावास की सड़क पर चल रहा था उसे गाड़ी ने टक्कर मार दी और गाड़ी वाले भागने का प्रयास करने लगे। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी में बैठे दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया। ये भारतीय उच्चायोग के अधिकारी बताए जा रहे हैं। पैदल यात्री जिसको गाड़ी से टक्कर मारी गई उसके बारे में इस्लामाबाद पुलिस ने बताया कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद स्थित भारतीय उच्‍चायोग के दो अधिकारियों का पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपहरण किया है। भारत सरकार के अधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की थी। वहीं इस बीच ऐसी आशंका भी जताई गई कि जल्‍द ही पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी इन भारतीय अधिकारियों के खिलाफ कोई बड़ा आरोप लगा सकती है।

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भारत द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निलंबित किए जाने के दो हफ्ते बाद यह घटना हुई। बीते दिनों पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वे रुपयों के बदले एक भारतीय नागरिक से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे। भारत सरकार ने उन पर बैन लगाते हुए उनकी गतिविधियों को राजनयिक मिशन के एक सदस्य के तौर पर गैरकानूनी और देश के खिलाफ माना था।

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इसके बाद पाकिस्तान में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया की कार का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक सदस्यों द्वारा पीछा किए जाने का वाकया सामने आया था। राजनयिक की कार का पीछा किए जाने पर भारत ने पाकिस्‍तान के सामने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। भारत ने पाकिस्तानी एजेंसियों से इन मामलों की तत्काल जांच कराने को कहते हुए दो टूक कहा था कि ऐसी घटनाएं आगे से नहीं होनी चाहिए। भारत ने कहा था कि उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं साफ तौर पर राजनयिक संबंधों पर वियेना सम्मेलन, 1961 का सीधा उल्लंघन हैं और भारतीय उच्चायोग के अधिकारी और उनके परिजनों की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सरकार की है। ऐसा वाकया पहली बार नहीं हुआ था। इससे पहले बीते आठ मार्च को भी भारतीय उच्चायोग के फ‌र्स्ट सेक्रेट्री की कार का पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने पीछा किया था।