सुलूर। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच शुरू हो गई है। बुधवार को जनरल रावत का वेलिंगटन जाते वक्त तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। उनकी पत्नी, एक ब्रिगेडियर, एक लेफ्टिनेंट कर्नल और 9 अन्य जवानों ने भी हादसे में जान गंवा दिया। देश को हिला देने वाले इस हादसे की जांच के लिए तीनों सेना के जांचकर्ता छानबीन में जुट गए हैं। ये सभी बेहतरीन अफसर हैं और एयर क्रैश की जांच में इस दल के सदस्यों को महारत हासिल है। वहीं, आज जनरल रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार दिल्ली के बरार स्क्वैयर के श्मशान घाट पर दोपहर बाद किया जाएगा।
इस हादसे की जांच कर रही टीम की कमान वायुसेना के एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह को दी गई है। वो खुद हेलीकॉप्टर पायलट हैं और वायुसेना के ऐसे ही कई एयर क्रैश की जांच कर चुके हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मानवेंद्र सिंह बेहतरीन एयर क्रैश के जांचकर्ता हैं। वो अभी बेंगलुरु में प्रशिक्षण कमान के प्रमुख हैं। जनरल रावत जिस एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर पर सवार थे, उसका ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी मिल गया है। इन्हें डी-कोडिंग के लिए रूस भेजा जा सकता है। ताकि पता चल सके कि हेलीकॉप्टर के साथ आखिरी वक्त पर क्या हुआ और पायलट्स क्या बात कर रहे थे।
बुधवार को सुबह जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 9 लोग दिल्ली से सुलूर गए थे। वहां से सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी। दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर हेलीकॉप्टर हादसा हो गया था। हादसे की जगह से वेलिंगटन महज 16 किलोमीटर दूर रह गया था। घने जंगल के ऊपर हादसा हुआ और वहां तक काफी धुंध भी छायी हुई थी। जांच के बाद पता चल सकेगा कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आई थी या मानवीय गलती से इतनी बड़ी घटना हो गई।