नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आपातकाल की 45वीं बरसी पर कांग्रेस को जमकर खरी खोटी सुनाई है। अमित शाह ने ट्विटर के जरिए कांग्रेस को लताड़ लगाते हुए कहा कि एक परिवार के सत्ता के प्रति लालच ने देश में आपातकाल लागू कराया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस को आत्मचिंतन की नसीहत भी दे डाली। गौरतलब है कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।
अमित शाह ने एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला। अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा , ’45 साल पहले इस दिन सत्ता की लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण … सब खत्म हो गए, गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।’
On this day, 45 years ago one family’s greed for power led to the imposition of the Emergency. Overnight the nation was turned into a prison. The press, courts, free speech…all were trampled over. Atrocities were committed on the poor and downtrodden.
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
गृहमंत्री ने कहा, ‘लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।’
Due to efforts of lakhs of people, the Emergency was lifted. Democracy was restored in India but it remained absent in the Congress. The interests of one family prevailed over party interests and national interests. This sorry state of affairs thrives in today’s Congress too!
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
अमित शाह ने कहा, ‘सीडब्ल्यूसी की हालिया बैठक के दौरान वरिष्ठ सदस्यों और छोटे सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन उन पर चिल्ला कर शांत करा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।’
During the recent CWC meet, senior members and younger members raised a few issues. But, they were shouted down.
A party spokesperson was unceremoniously sacked.
The sad truth is- leaders are feeling suffocated in Congress. https://t.co/GEbdKpn7A8https://t.co/Efsa8HWN82
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
अपने आखिरी ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा कि, भारत के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है। आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी क्यों पार्टी में है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? अगर वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा।
As one of India’s opposition parties, Congress needs to ask itself:
Why does the Emergency mindset remain?
Why are leaders who don’t belong to 1 dynasty unable to speak up?
Why are leaders getting frustrated in Congress?
Else, their disconnect with people will keep widening.
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आपातकाल की 45वीं बरसी पर कांग्रेस की क्लास लगाई। उन्होंने कहा कि भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।’
भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया।
ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की। pic.twitter.com/dhkEmmq18b
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2020