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Delhi Bill In Parliament: दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग वाला बिल आज राज्यसभा में होगा पेश, विपक्ष के मुकाबले पास कराने के गणित में मोदी सरकार मजबूत

बीजेडी और वाईएसआरसीपी की तरफ से दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल को समर्थन दिए जाने से मोदी सरकार के पाले में 128 सांसद हो रहे हैं। जबकि, राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा अभी 120 का है। वहीं, बाकी एकजुट विपक्ष के साथ 94 सांसद हैं। इस तरह गणित में मोदी सरकार का पलड़ा भारी दिख रहा है।

नई दिल्ली। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल आज राज्यसभा में पेश होगा। गृहमंत्री अमित शाह इस बिल को पेश करने वाले हैं। बिल को पेश करने के बाद सरकार की तरफ से चर्चा की शुरुआत बीजेपी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी कर सकते हैं। लोकसभा में बीते दिनों दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल ध्वनिमत से पास हुआ था। ये संविधान संशोधन बिल है। इस वजह से इसे राज्यसभा में भी पास कराना जरूरी है। अगर मौजूदा गणित को देखें, तो विपक्ष के मुकाबले मोदी सरकार राज्यसभा में मजबूत दिख रही है। इसकी वजह बीजेडी और वाईएसआरसीपी का समर्थन है। दोनों पार्टियों के 9-9 सांसद राज्यसभा में हैं।

modi and amit shah
बीजेडी और वाईएसआरसीपी की तरफ से दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल को समर्थन दिए जाने से मोदी सरकार के पाले में 128 सांसद हो रहे हैं। जबकि, राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा अभी 120 का है। वहीं, बाकी एकजुट विपक्ष के साथ 94 सांसद हैं। मोदी सरकार पहले एक अध्यादेश और फिर ये बिल इस वजह से लाई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग का हक अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार का बताया था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्रांसफर और पोस्टिंग पर मोदी सरकार के बिल को संविधान का उल्लंघन बताया है। दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी।

supreme court
सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश की वैधता पर विचार के लिए इसे संविधान पीठ को भेजा है। इसके बाद ही मोदी सरकार अब अध्यादेश की जगह संसद में बिल लेकर आई है। गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश को संविधान पीठ भेजने के आदेश के पैरा 99 में साफ कहा है कि दिल्ली सरकार से संबंधित कोई भी कानून केंद्र सरकार बना सकती है। वहीं, एकजुट विपक्ष सरकार के इस कदम को राज्यों के अधिकार का हनन बता रहा है। इस बिल पर आज चर्चा के बाद शाम करीब 6 बजे अमित शाह राज्यसभा में जवाब देंगे। जिसके बाद बिल पर वोटिंग होगी।