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Jammu & Kashmir: घाटी में कैसे हो रहा आतंकियों का सफाया, राज्यसभा में सरकार ने बताया

आंतकवाद (Terrorism) से त्रस्त जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को लेकर भारत सरकार (Indian Govt.) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया तो आंतक की कमर घाटी में टूटती नजर आई।

नई दिल्ली। आंतकवाद (Terrorism) से त्रस्त जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को लेकर भारत सरकार (Indian Govt.) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया तो आंतक की कमर घाटी में टूटती नजर आई। भारतीय सेना के पराक्रम के आगे आतंकियों की एक नहीं चल रही है। भारत सरकार की तरफ से राज्यसभा (Rajya Sabha) में घाटी में आतंक के सवाल में जो लिखित जवाब दिया गया उसने स्पष्ट कर दिया कि सेना को सरकार की तरफ से आतंक से निपटने की जैसे ही खुली छूट मिली सेना ने अपना पराक्रम और तेज कर दिया और इसी का नतीजा रहा है कि 2018 से लेकर अबतक घाटी में 582 आतंकवादियों (terrorists) का खात्मा किया जा चुका है। जबकि 46 आतंकी सेना के जवानों के हत्थे जिंदा चढ़ चुके हैं।

Indian Army

जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त कराने के लिए सेना की मदद से सरकार लगातार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और 2018 से लेकर अबतक जम्मू-कश्मीर में 582 आतंकवादियों का खात्मा किया जा चुका है। बुधवार को गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई है। गृह मंत्रालय ने यह भी बताया है कि इस अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर में 46 आतंकवादियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

Indian army

गृह मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2018 के दौरान जम्मू-कश्मीर में 257 आतंकवादियों को मार गिराया है, इसके बाद 2019 में 157 और 2020 में 9 सितंबर तक 168 आतंकवादियों को खत्म किया जा चुका है। गृह मंत्रालय के मुताबिक इस साल जून के दौरान जम्मू-कश्मीर में 49 आतंकवादी मारे गए हैं जो 3 वर्षों में किसी एक महीने में मारे गए सबसे ज्यादा संख्या में आतंकी हैं।

गिरफ्तार आतंकवादियों की बात करें तो गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2018 में 17, 2019 में 19 और 2020 में 9 सितंबर तक 9 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है।

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हालांकि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक 2018 में 37 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं जबकि 2019 में 21 और 2020 में 9 सितंबर तक 18 भारतीय सैनिक आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए स्थानीय स्तर पर लोग सेना का सहयोग कर रहे हैं। आतंकवाद से तंग आ चुके स्थानीय लोगों का सेना में भरोसा बढ़ा है और वे लगातार आतंकवादियों के खात्मे में सुरक्षाबलों का साथ दे रहे हैं। सेना के ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों में बहुत सारे आतंकी विदेशी हैं।