नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटा विपक्ष एकजुट होने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। मोदी सरकार को हराना एक बड़ी चुनौती है ये तो सभी विपक्षी दल बखूबी समझते हैं। ऐसे में जब पीएम मोदी अमेरिका में अपना डंका बजवा रहे होंगे तब विपक्ष भी 23 जून को पटना में एक अहम बैठक करने वाला है। इसको लेकर भूमिका बनाई जा चुकी है। लेकिन इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक अहम बयान दिया है। दिल्ली में प्रशासनिक सेवकों के स्थानांतरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार के अध्यादेश का जिक्र करते हुए मुख़्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “23 जून को विपक्ष की अहम बैठक होगी तब कांग्रेस से सभी दल ये जरूर पूछेंगे कि आपका इस मामले (केंद्र का अध्यादेश) पर क्या स्टैंड है ? अगर आप मेरी कहें तो इस पूरी बैठक में मेरे लिए सबसे पहला मुद्दा तो सिर्फ अध्यादेश पर विपक्ष की राय ही होगा।”
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal says, “I hope all parties in that meeting (Opposition meeting on 23rd June) ask Congress to clear its stand. I think the first agenda of that meeting will be Centre’s ordinance that ends democracy in Delhi. I will carry a copy of Constitution… pic.twitter.com/anhjSF6Zum
— ANI (@ANI) June 20, 2023
इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात को रखते हुए आगे कहा, मैं बैठक में अपने साथ भारतीय संविधान की एक कॉपी भी लेकर जाने वाला हूं, जिसके सहारे में वहां मौजूद सभी दलों को ये समझाने वाला हूं कि वो ये बिल्कुल भी न समझें कि ये सिर्फ दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए हमारे लिए लाया गया है बल्कि कल को ये आपके ऊपर भी लागू हो सकता है। ये अध्यादेश चाहे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, कोई भी राज्य हो, वो लेकर आ सकते हैं।”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने को लेकर ममता बनर्जी, शरद पवार, एमके स्टालिन, नीतीश कुमार समेत कई नेताओं से पहले ही मीटिंग करके अपनी बात को रख चुके हैं। विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने उनका समर्थन करने का आश्वासन दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करने के लिए समय मांगा था, लेकिन अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। देखना होगा की आगे कैसे इस मामले पर कांग्रेस के और केजरीवाल के बीच इस मसले पर सहमति बन पाएगी।
बीजेपी दिल्ली में चार चुनाव बुरी तरह से हार गई। अगले कई वर्षों तक दिल्ली जीतने की उनकी कोई उम्मीद नहीं है। तो बीजेपी ने इस अध्यादेश के ज़रिए दिल्ली को हथियाने की कोशिश की है। कैसे-
ये अध्यादेश मंत्रियों, मुख्यमंत्री और कैबिनेट के ऊपर अफ़सरों को बिठाता है।
– हर विभाग में अब… pic.twitter.com/uLgZ9mYgbs
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 20, 2023