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Rajasthan: गहलोत की संपत्ति में हुई वृद्धि, BJP बना सकती है मुद्दा, हलफनामा से हुआ ये बड़ा खुलासा

Rajasthan: अगर उनके खिलाफ दर्ज विधिक मामलों की बात करें, तो उनके खिलाफ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था। वहीं, सोनी हॉस्पिटल द्वारा डीडीए की जमीन आवंटन में भी उनका नाम सामने आया था । इसके बांध निर्माण मामले में भी उनके खिलाफ विधिक मामला दर्ज किया था।

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सरदारपुरा सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान जहां अपनी सरकार की उपलब्धियों से जनता को अवगत कराया तो वहीं दूसरी तरफ यह विश्वास भी जताया कि इस बार आगामी चुनाव में उनकी पार्टी भारी मतों से जीत दर्ज कर वर्षों से चली आ रही सियासी रवायत को ध्वस्त करने जा रही है। दरअसल, राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की रवायत रही है। यानी की आसान शब्दों में समझने की कोशिश करें, तो पांच साल कांग्रेस और शेष पांच साल बीजेपी का शासन रहा है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में क्या कांग्रेस इस रवायत को ध्वस्त कर पाने में सफल हो पाती है की नहीं ? वहीं, सीएम गहलोत के नामांकन को लेकर एक जानकारी सामने आई है, जो कि अभी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

cm ashok gehlot

ऐसा है संपत्ति का ब्योरा

दरअसल, गहलोत के नामांकन पत्र के मुताबिक, मुख्यमंत्री की अचल संपत्ति में पांच गुना वृद्धि हुई है। वहीं, उनके खिलाफ आपराधिक मामलों में भी वृद्धि हुई है, जिसमें एक मामला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मानहानि को लेकर दर्ज कराया है। वहीं, अगर आंकड़ों के चश्मे से सीएम गहलोत की संपत्ति के बारे में बात करें, तो उनके पास कुल 1 करोड़ 94 लाख की संपत्ति है । उधर, उनकी पत्नी के पास 86 लाख 72 हजार की चल संपत्ति बताई है। वहीं, अचल संपत्ति की बात करें, तो यह 4 करोड़ 32 लाख के आसपास थी। गत वर्ष यह 4 करोड़ 59 लाख के आसपास थी।

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दर्ज हैं इतने मामले

उधर, अगर उनके खिलाफ दर्ज विधिक मामलों की बात करें, तो उनके खिलाफ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था। वहीं, सोनी हॉस्पिटल द्वारा डीडीए की जमीन आवंटन में भी उनका नाम सामने आया था । इसके अलावा बांध निर्माण मामले में भी उनके खिलाफ विधिक मामला दर्ज किया गया था। बहरहाल, बहुत मुमकिन है कि आगामी दिनों में विरोधी दल बीजेपी गहलोत के शपथ पत्र के माध्यम से निकलकर सामने आई जानकारी को मुद्दा बनाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। अब ऐसे में आगामी दिनों में बीजेपी का इस पूरे मुद्दे पर क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।