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नेपाल पुलिस ने बंधक बनाए गए भारतीय नागिरक को छोड़ा, ऐसे सुलझा मामला

इस पूरी घटना को लेकर एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा, सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसपी अनिल कुमार ने बताया कि ये स्थानीय मुद्दा था, इसका सीमा विवाद से कोई नाता नहीं है।

नई दिल्ली। भारत-नेपाल सीमा विवाद के बीच 12 जून को बिहार में सीतामढ़ी के सोनबरसा में नेपाल बॉर्डर इलाके के जानकीनगर गांव के पास नेपाल पुलिस ने अधाधुंध फायरिंग की जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा इस घटना के दौरान नेपाली पुलिस ने एक व्यक्ति लागन यादव को बंधक भी बना लिया था, जिसे अब छोड़ दिया गया है।

Nepal Police

बता दें कि इस मामले को लेकर DG SSB कुमार राजेश चंद्रा ने बताया कि, “बिहार के सीतामढ़ी जिले के लागन यादव की एक बहु नेपाली हैं। वो नेपाल से अपने ससुराल वालों संग आ रही थी।नेपाल के APF दल ने उन्हें नेपाल में 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते वहां से जाने के लिए कहा। दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गई।”

SSB Kumar Rajesh Chandra

राजेश चंद्रा ने बताया कि, “लोगों ने मोबाईल से फोन करके अपने गांव वालों को बुला लिया। दोनों में झड़प हुई जिसमें APF ने 15 राउंड फायरिंग की जिसमें 3 लोग घायल हुए और एक आदमी लागन यादव को APF ने पकड़ लिया। घायल में से एक आदमी का निधन निजी अस्पताल में हुआ।”

जानकारी के मुताबिक जिस लड़के की मौत हुई थी, उसके परिजन धरने पर बैठ गए थे और मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद नेपाल प्रशासन और सीतामढ़ी के स्थानीय प्रशासन की बातचीत हुई और हिरासत में लिए गए लगन राय को रिहा किया गया। सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, नेपाल के सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लागन नाम के व्यक्ति की रिहाई के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार और नेपाल अथॉरिटी के संपर्क की भी बात सामने आई थी।

India Nepal border

हालांकि इस पूरी घटना को लेकर एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा, सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसपी अनिल कुमार ने बताया कि ये स्थानीय मुद्दा था, इसका सीमा विवाद से कोई नाता नहीं है। फायरिंग करने से पहले नेपाल पुलिस ने लोगों को दो बार खदेड़ा था। तीसरी बार भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।