बेंगलुरु। कर्नाटक की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की सरकार के सीएम सिद्धारामैया ने 5 वादे लागू करने का फैसला किया। इनमें गृह ज्योति योजना भी है। इस योजना के तहत हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जानी है। गृह ज्योति योजना लागू करने से पहले कर्नाटक सरकार ने बिजली की दरों को भी बढ़ा दिया है और बढ़ी हुई बिजली की इन दरों का अब विरोध शुरू हो गया है। इससे सिद्धारामैया सरकार को गृह ज्योति योजना लागू करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पहले ही तमाम जगह लोगों ने जून का बिजली बिल न भरने की बात कह रखी है। इससे मुश्किल तो बढ़ी ही थी। अब कर्नाटक में उद्योगों ने भी बढ़े हुए बिजली बिल के खिलाफ आवाज उठा दी है।
Karnataka Chamber of Commerce and Industries (KCC&I) has called for a Karnataka bandh on June 22nd to protest against the abnormal price hike in electricity charges: KCC&I pic.twitter.com/vlV4r3cjMg
— ANI (@ANI) June 18, 2023
कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) ने बढ़ी हुई बिजली दरों के खिलाफ 22 जून को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। इस दौरान सभी तरह के उद्योग बंद रखने का फैसला केसीसीआई ने किया है। केसीसीआई की तरफ से बंद का एलान करते हुए कहा गया है कि पिछले 8 दिन से प्रशासनिक अफसरों और सरकार को बढ़ी हुई बिजली दरों से होने वाले नुकसान और असर के बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उद्योगों की बात सुनने के लिए राजी नहीं है। इसी वजह से 22 जून को कर्नाटक में सभी तरह के उद्योग धंधे बंद रखने का आह्वान किया जा रहा है।
कर्नाटक सरकार ने गृह ज्योति योजना का लाभ देने में एक पेच भी फंसा रखा है। इसके तहत हर घर का पिछले एक साल की औसत बिजली खपत देखी जाएगी। जिनकी औसत खपत 200 यूनिट तक हो, उनको ही गृह ज्योति योजना का लाभ देने का फैसला किया गया है। ऐसे में तमाम परिवारों को 1 जुलाई से इस योजना का लाभ मिलने में दिक्कत हो सकती है। जबकि, चुनाव से पहले इस तरह की किसी शर्त की बात कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सिद्धारामैया या डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार ने नहीं की थी।