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Ayodhya- रामलला की महिमा: जो चाहते थे अयोध्या में दोबारा बाबरी मस्जिद बनवाना, वे अब मंदिर के दर्शन को बेताब

Ayodhya News: मीडिया से मंगलवार को बात करते हुए उन्होंने अपनी ये इच्छा जताई। इकबाल का कहना था कि अदालत का फैसला आने के साथ ही विवाद खत्म हो चुका है और अब रामलला का मंदिर बनते हुए देखना उनकी दिली ख्वाहिश है। इकबाल अंसारी ने राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र को भी याद किया।

अयोध्या। 400 से भी ज्यादा साल तक विवाद होता रहा। कई बार खूनी जंग हुई। हजारों लोग मारे गए। यूपी की एक सरकार ने विवादित ढांचे को बचाने के लिए गोली तक चलवा दी। कोठारी बंधु समेत तमाम भक्तों ने अपने आराध्य के लिए उस गोलीबारी में जान गंवाई। दशकों तक मुकदमेबाजी होती रही। ढांचा ढहने के बाद भी अयोध्या में बाबरी मस्जिद को दोबारा बनवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश की जाती रहीं। अब बाबरी के लिए अदालती जंग लड़ने वाले लोगों में से एक इकबाल अंसारी रामलला की महिमा के आगे सिर झुकाते नजर आ रहे हैं। इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के पक्ष में लड़ रहे लोगों में से एक पार्टी थे। उनके पिता हाशिम अंसारी जब तक जिंदा रहे, वो भी पार्टी बने रहे। पेशे से दर्जी हाशिम और इकबाल ने बाबरी मस्जिद को दोबारा तामीर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हर दलील पेश की थी। अब इकबाल अंसारी मंदिर-मंदिर कह रहे हैं।

iqbal-ansari

जी हां, इकबाल अंसारी अब अयोध्या में राम का दिव्य मंदिर बनते देखना चाहते हैं। मीडिया से मंगलवार को बात करते हुए उन्होंने अपनी ये इच्छा जताई। इकबाल का कहना था कि अदालत का फैसला आने के साथ ही विवाद खत्म हो चुका है और अब रामलला का मंदिर बनते हुए देखना उनकी दिली ख्वाहिश है। इकबाल अंसारी ने राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र को भी याद किया। उन्होंने कहा कि परमहंस बड़े संत थे। उनके साथ मिलकर बहुत अच्छा लगता था।

Ayodhya tableau

बता दें कि इकबाल के पिता हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद के मुद्दई यानी पार्टी थे, तो परमहंस रामचंद्र राम मंदिर पक्ष के। बावजूद इसके दोनों में गहरी छनती थी। अयोध्या में हाशिम अंसारी और परमहंस रामचंद्र को लोग एक साथ रिक्शे पर बैठकर जाते भी देखते थे। बहरहाल, भगवान राम की महिमा के आगे अब अंसारी परिवार भी नतमस्तक है।