नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 पर दर्ज किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले आज इस स्तर थोड़ा सुधार जरूर आया है। लेकिन अभी भी यह बेहद ही खतरनाक श्रेणी में आंका जा रहा है, यानी की इतनी दूषित हवा में बाहर निकलना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं इन सबसे बेखबर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राजस्थान के दौर पर हैं। एक तरफ जहां सीएम केजरीवाल दिल्ली में प्रदूषण के लिए दिवाली के पटाखों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट को लेकर चुप्पी साधते हुए दिखे।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी संग शनिवार को राजस्थान दौरे पर पहुंचे और यहां सालासर बालाजी मंदिर में दर्शन किए। वहीं यहां जब कुछ पत्रकारों ने उनसे दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट के बारे में सवाल पूछना चाहा तो उन्होंने उनके सवालों को टाल दिया और कहा कि प्रदूषण के बारे में बाद में बात करेंगे। यकीनन, अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री की इस स्थिति को दोहरा रवैया कहा जाए, तो किसी को इस बात पर गुरेज नहीं होना चाहिए। वो भी ऐसी स्थिति में दिल्ली में प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच चुका है। लोगों को घरों से निकलना दुश्वार हो चुका है। लोग दमघोटू हवा में सांस ले रहे हैं। ऐसे में विकसित होती दिल्ली की श्रेय लेने के होड़ में अपने आपको सबसे आगे रखने की जद्दोजहद में मसरूफ रहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री राजधानी को उसकी दुश्वारियों को छोड़कर राजस्थान मंदिर दर्शन करने जा रहे हैं और जब उनसे पत्रकार महोदय गंभीर होते वायु प्रदूषण पर सवाल करते हैं, तो मुख्यमंत्री साहब जिस सलीके से उसका जवाब देते हैं, उसको लेकर अब सीएम केजरीवाल को जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
राजस्थान: सालासर में बालाजी के दर्शन करने पहुंचे केजरीवाल से जब प्रदूषण पर पूछा गया सवाल तो बिना जवाब दिए निकल गए pic.twitter.com/ASNvsRySkR
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) November 13, 2021
सीएम केजरीवाल के बयान पर भड़के लोग
..तो जैसा कि आपने देखा कि कैसे लोगों ने सीएम केजरीवाल के प्रदूषण पर दिए बयान पर नाराजगी जताते हुए उनकी क्लास लगा दी। उनके बयान को लेकर लोग अब लोग सोशल मीडिया पर उनके राजनीतिक विचारधारा पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक शख्स ने उन्हें घेरते हुए कहा कि ये मंदिर भी जाते हैं, मस्जिद भी जाते हैं, मतलब साफ है कि इनकी अपनी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं है। बहरहाल, लोगों का यह रोष लाजिमी है, वो भी ऐसे वक्त में जब पूरी दिल्ली दमघोटू हवा में सांस ले रही है। बहुधा दिल्ली सरकार अपनी तरफ से दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह की कोशिशें करने के दावे करती है, लेकिन अफसोस धरातल पर उनकी कोशिशें कहीं से कामयाब होती हुई नजर नहीं आ रही है। अभी तो फिलहाल इसे लेकर दिल्ली सरकार की राजनीति और भयावह प्रदूषण से मुहाल होते लोग ही नजर आ रहे हैं। वहीं, प्रदूषण को लेकर जिस तरह की स्थिति दिल्ली सरकार की दिख रही है। ऐसे आगे चलकर दिल्लीवासियों को प्रदूषण से कुछ राहत भी मिलेगी या दमघोटू हवा में सांस लेने पर मजबूर ही रहना होगा। यह तो फिलहाल अब आने वाला वक्त ही बताएगा।