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Karnataka: कर्नाटक में सबसे बड़ी आबादी लिंगायत और वोक्कालिगा की, जानिए सिद्धारामैया के समुदाय का कितना है हिस्सा

सियासत ऐसी ही चीज है, जहां सबसे कमजोर भी ताकतवर बनकर उभरता है और ताकतवर को कई बार मैदान गंवाना भी होता है।

बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता मिली है। उसे 135 सीटों पर जीत हासिल हुई। कांग्रेस की इस जीत में कर्नाटक के दो समुदायों के वोटरों की बड़ी भूमिका रही है। इनमें से एक लिंगायत है और दूसरा समुदाय वोक्कालिगा है। लिंगायत समुदाय भगवान शिव को अपना आराध्य मानता है। इस समुदाय के गुरु बसवेश्वर रहे हैं। बात करें, आबादी में लिंगायत समुदाय की हिस्सेदारी की, तो ये करीब 17 फीसदी है। वहीं, दूसरा समुदाय वोक्कालिगा भी काफी बड़ा है। कर्नाटक में होने वाले चुनाव में इस समुदाय पर भी जीत और हार की जिम्मेदारी रहती आई है। वोक्कालिगा समुदाय की आबादी में हिस्सेदारी 14 फीसदी है।

siddaramaiah and dk shivkumar

कर्नाटक में सिद्धारामैया और डीके शिवकुमार कांग्रेस के दो बड़े नेता हैं। सिद्धारामैया पहले जेडीएस में थे। वहां से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में आए और एक बार कर्नाटक के सीएम भी रहे। वहीं, डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय के हैं। शिवकुमार के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने कर्नाटक की बाजी मारी है, लेकिन अभी सिद्धारामैया सीएम पद के लिए बाजी मारते दिख रहे हैं। ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि सिद्धारामैया जिस समुदाय से आते हैं, उसका कर्नाटक की आबादी में आखिर कितना हिस्सा है? तो चलिए, इस बारे में आपको बता देते हैं।

siddaramaiah congress

सिद्धारामैया के समुदाय का नाम कुरुबा है। ये समुदाय कर्नाटक की आबादी में महज 9 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। जाहिर तौर पर कुरुबा समुदाय के दबदबे वाली सीटों की संख्या भी कम ही है, लेकिन सियासी दबदबा बनाए रखने में सिद्धारामैया का कोई जोड़ नहीं। वो भी तब, जबकि डीके शिवकुमार ने कांग्रेस आलाकमान से ये भी कहा कि सबसे बड़ा समुदाय यानी लिंगायत, सिद्धारामैया को पसंद नहीं करता। तो सियासत ऐसी ही चीज है, जहां सबसे कमजोर भी ताकतवर बनकर उभरता है और ताकतवर को कई बार मैदान गंवाना भी होता है।