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Ram Temple: राम मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे?, जानिए परिसर में और किन देवी-देवताओं की कर सकेंगे पूजा; मिलेंगी कौन सी सुविधाएं

Ram Temple: ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा। वहीं, दिव्यांगजन एवं बुजुर्गों के लिए मंदिर में रैंप तथा लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनाया गया है। इस परकोटे के भीतर भी तमाम और मंदिरों के आप दर्शन कर सकेंगे।

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में बस 16 दिन बाकी हैं। 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी भगवान रामलला की 51 इंच ऊंची मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर में करेंगे। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 20 बिंदुओं में राम मंदिर और इसके आसपास की विशेषता बताई है। इसमें राम मंदिर का मास्टर प्लान भी ट्रस्ट ने बताया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी। मंदिर तीन मंजिला रहेगा और हर मंजिल की ऊंचाई 20 फिट की होगी। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे होंगे। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।

ayodhya ram temple

ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर में 5 मंडप नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप होंगे। यहां के खंभों व दीवारों पर देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा। वहीं, दिव्यांगजन एवं बुजुर्गों के लिए मंदिर में रैंप तथा लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनाया गया है। परकोटे की कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी। परकोटा के कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण ट्रस्ट करा रहा है। वहीं, उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा। इसके अलावा मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप रहेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे। दक्षिण-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है। वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है। मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।

ram temple 1

ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, आग बुझाने के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है। 25000 क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। यहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स की सुविधा भी मिलेगी। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 70 एकड़ में 70 फीसदी ग्रीन बेल्ट बनाया गया है।