newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Who is Mukhtar Ansari: जानें, कौन है मुख्तार अंसारी, जिसे सुनाई गई 10 साल की सजा, ठोका पांच लाख जुर्माना

who is Mukhtar Ansari : 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था, जिसमें अब उसे 10 साल की सजा सुनाई गई। गत दिनों मुख्तार को पहले गाजीपुर जेल, फिर मथुरा जेल, फिर आगरा जेल और उसके बाद बांदा जेल भेजा गया था।

नई दिल्ली। मुख्तार अंसारी के गुनाहों का हिसाब हो चुका है। उसे गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने आज गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई और उस पर 5 लाख का जुर्माना भी ठोका। उसे 2005 के मुम्मदाबाद थाने के बसनिया चट्टी में बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या के मामले में यह सजा सुनाई गई है। इस मामले में उसका सांसद भाई आफसाल अंसारी भी नामजद है, जिसे चार की सजा सुनाई गई है। बता दें कि मुख्तार फिलहाल मऊ जेल में बंद है। पिछले 16 सालों से वो सलाखों के पीछे है। अब ऐसे में उसे एक और मामले में सजा हो गई, जिसके बाद अब उसके सलाखों के पीछे रहने की मियाद में इजाफा हो गया है। वहीं, इस रिपोर्ट में आगे जानते हैं कि आखिर मुख्तार अंसारी कौन है?

AFZAL

पिछले 16 सालों से सलाखों के पीछे जेल की हवा खा रहा मुख्तार अंसारी मऊ से चार मर्तबा विधायक रह चुका है। वर्ष 1996 में विधायकी का चुनाव लड़कर उसने पहली मर्तबा अपनी राजनीतिक जीवन की विधिवत शुरुआत की थी। राजनीति में आने से पहले वो अपराध की दुनिया का बड़ा नाम था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे। बताया जाता है कि उसके खिलाफ अब तक 61 मामले दर्ज हैं, लेकिन ध्यान रहे कि न्यूज रूम पोस्ट खुद इस बात की पुष्टि नहीं करता है। वहीं इससे पहले भी उसे कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। मुख्तार के खिलाफ मर्डर, किडनैपिंग और रंगदारी जैसे मामलों में कई मुकदमे दर्ज हैं। राजनीति से लेकर अपराध की दुनिया में उसके एकछत्र राज का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि सलाखों के पीछे रहने के बावजूद भी वो ना महज चुनाव लड़ता था, बल्कि उस चुनाव में जीत भी हासिल करता था। आपको बता दें कि साल 2005 में मऊ में हिंसा भड़की थी, जिसमें मुख्तार अंसारी पर गंभीर आरोप लगे थे।

afzal ansari 1
मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल अंसारी।

वहीं, 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था, जिसमें अब उसे 10 साल की सजा सुनाई गई है। गत दिनों मुख्तार को पहले गाजीपुर जेल, फिर मथुरा जेल, फिर आगरा जेल और उसके बाद बांदा जेल भेजा गया था। वो कुछ वक्त तक पंजाब की जेल में भी रहा। इसके बाद योगी सरकार के कहने पर उसे यूपी लाया गया। इस बीच योगी सरकार ने उसके आर्थिक साम्राज्य को भी तहसनहस करना शुरू कर दिया। उसकी कई संपत्तियों को जब्त कर दिया गया है।

कब हुआ था मुख्तार अंसारी का जन्म

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को मुख्तार अंसारी का जन्म हुआ था। मुख्तार के पिता का नाम सुबाहउल्लाह अंसारी और मां का राबिय था। मुख्तार को क्रिकेट का बहुत शौक था। उसने अंतरराज्यीय क्रिकेट भी खेला था। कॉलेज के दिनों में उसे क्रिकेट के अलावा गुलेल चलाने का भी शौक था।

mukhtar ansari

कैसे चढ़ा माफिया बनने का खूमार

तो ये 1980 का दशक था। जब देश तेजी से बदल रहा था। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आमद देश में हो रही थी, तो कई प्रोजेक्ट वजूद में आ रहे थे। इन्हीं प्रोजेक्ट्स को लेकर उन दिनों पूर्वांचल की धरती पर खूनी खेल शुरू हो हुआ। बताया जाता है कि इसी खूनी खेल ने मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबली को पैदा किया। मुख्तार अंसारी मुखनी सिंह के गैंग में शामिल हो गया। इस बीच 1980 में इस गैंग का साहिब सिंह गैंग के साथ प्लॉट को लेकर विवाद हो गया। इसी गैंग में बृजेश सिंह भी शामिल था। बताया जाता है कि बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच हमेशा किसी ना किसी बात को लेकर विवाद बना रहता था।

mukhtar ansari

इसके बाद 1990 में बृजेश सिंह ने अपना अलग गैंग बना लिया और प्रदेश में आने वाले सभी परियोजनाओं को अपने कब्जे में कर लिया। उसकी इजाजत के बगैर प्रदेश में कोई भी परियोजना जीवंत नहीं होती थी, जिसे लकर उन दिनों में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह के बीच खूनी संघर्ष भी देखने को मिला। मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में सच्चिदानंद की हत्या के बाद बड़ा नाम बन गया था। राजनीति में उसका रसूखा काफी बढ़ गया था। लेकिन, अब उसे गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाकर उसे आपाराधिक दास्तां को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।