नई दिल्ली। राज्यसभा की 56 सीटें खाली होने जा रही हैं। इन सीटों के लिए प्रत्याशियों ने परचे भर दिए हैं, लेकिन चार राज्यों यूपी, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में बीजेपी ने विपक्ष के सामने पेच फंसा दिया है। अगर इन चारों राज्यों में बीजेपी का ये पेच विपक्ष को ध्वस्त करता है, तो लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को झटका लग सकता है। तो आपको बताते हैं कि आखिर किस तरह बीजेपी ने विपक्ष की जीत के सामने रोड़ा खड़ा किया है। खास बात ये भी है कि राज्यसभा चुनावों में कोई व्हिप लागू नहीं होती और दलबदल कानून की जद में विधायक नहीं आते। इसी वजह से विधायकों की क्रॉस वोटिंग भी हो सकती है। बस विधायकों को अपना वोट किसे दिया है, ये पार्टी के एजेंट को दिखाना होता है। ऐसा न करने पर वोट अवैध माना जाता है।
बात यूपी की पहले करते हैं। यूपी में 10 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। राज्य विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से बीजेपी को 7 और समाजवादी पार्टी को 3 सीटों पर बिना मतदान के जीत मिल जाती, लेकिन बीजेपी ने यहां संजय सेठ के तौर पर आठवां उम्मीदवार उतारा है। इससे यूपी में वोटिंग की नौबत आ गई है। समाजवादी पार्टी की तरफ से जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को यूपी में प्रत्याशी बनाया गया। अब अगर संजय सेठ चुनाव जीतते हैं, तो आलोक रंजन का राज्यसभा जाने का ख्वाब अधूरा रह सकता है। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 25 विधायक हैं। कांग्रेस के सामने यहां क्रॉस वोटिंग का खतरा है।
कर्नाटक से राज्यसभा की 4 सीटें खाली हो रही हैं। वहां 3 पर कांग्रेस और 1 सीट पर बीजेपी और जेडीएस के गठबंधन उम्मीदवार की जीत तय थी, लेकिन बीजेपी ने नारायणसा बांगड़े को 5वां उम्मीदवार बना दिया। इससे कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। कांग्रेस ने यहां अजय माकन, नासिर हुसैन और अनिल यादव को प्रत्याशी बनाया है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे की सीट भी बीजेपी फंसा चुकी है। अशोक चव्हाण के बीजेपी के पाले में जाने के बाद अगर कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, तो महाराष्ट्र में विपक्ष को बीजेपी तगड़ा चोट दे सकती है।