मुंबई। महाराष्ट्र में हुए ग्राम पंचायत चुनावों में जहां बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और एनसीपी के अजित पवार गुट ने इंडिया गठबंधन में शामिल महाविकास अघाड़ी के दलों कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और शरद पवार वाले एनसीपी गुट को जोर का झटका देते हुए ज्यादातर सीटें जीती हैं। वहीं, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को उनके ही गढ़ बारामती में शिकस्त दे दी है। बारामती से ही शरद पवार हमेशा चुनाव जीतते रहे हैं। उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी बारामती से ही सांसद चुनी गई थीं, लेकिन उसी बारामती में ग्राम पंचायत चुनावों में बागी भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद के गुट के लिए आने वाले दिन संकटों से भरे होने का साफ संदेश अपने गुट की जीत से दे दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र ग्राम पंचायत चुनावों के ये नतीजे इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका बना है।
बारामती में अजित पवार ने चाचा शरद पवार और चचेरी बहन सुप्रिया सुले का आधिपत्य खत्म होता दिखाया है। बारामती में हालत ये है कि यहां की 32 ग्राम पंचायतों में से 30 पर अजित पवार गुट ने कब्जा कर लिया है। वहीं, 2 ग्राम पंचायतों में बीजेपी को जीत हासिल हुई है। इस तरह शरद पवार के खेमे के हाथ उन्हीं के गढ़ में कोई सीट नहीं लगी है। शरद पवार जैसे दिग्गज नेता को अपने गढ़ में इस तरह के नतीजों का सामना करना पड़ेगा, ये शायद उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा। खास बात ये कि अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार जब महाराष्ट्र के तमाम हिस्सों में यात्रा करने निकले थे, तब बारामती भी गए थे और वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ था, लेकिन कुछ महीने बीतते न बीतते अब अजित ने शरद पवार को बारामती की हकीकत से रूबरू करा दिया है। इससे शरद पवार खेमे में निश्चित तौर पर चिंता बढ़ने वाली है।
अगर महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनावों के नतीजों की बात करें, तो आज भी गिनती जारी है। वहीं, सोमवार तक कुल 2359 ग्राम पंचायतों में से 1300 से ज्यादा के नतीजे आ गए थे। इन नतीजों में बीजेपी नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने महाविकास अघाड़ी के दलों को धूल चटा दी है। जो नतीजे आए, उनमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के गठबंधन को 1000 से भी कम सीटें मिली हैं। वहीं, बारामती में जो हालत शरद पवार की हुई है, उससे जरूर उनके साथ के बाकी दलों में भी खलबली हो रही होगी।