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Mainpuri Seat : हाईप्रोफाइल बनी मैनपुरी की सीट, डिंपल vs अपर्णा के आसार, एक तस्वीर से अटकलें; क्या फंसेगा SP का ‘बहू’ दांव?

Mainpuri Seat : बुधवार की शाम की बात है जब एक तरफ उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी सीट से उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर मीटिंग चल रही थी और आखिरकार गुरुवार को उनको सीट के लिए चुना गया है। बीते कुछ दिनों से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की उम्मीदवारी घोषित होते ही चर्चाएं बढ़ गई थीं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मैनपुरी की लोकसभा सीट एक हाई प्रोफाइल सीट बन चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के मैनपुरी लोकसभा सीट पर उतारे जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे उनको अंतिम रूप से विराम दे दिया गया है। फिलहाल, सीट पर भारतीय जनता पार्टी के दांव का इंतजार है, लेकिन इसी बीच अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि राज्य में सत्तारूढ़ दल यादव परिवार की ही एक और बहू अपर्णा यादव को उम्मीदवार घोषित कर सकता है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

dimple yadav

आखिर कहां से शुरू हुईं थीं अटकलें
दरअसल, ये बुधवार की शाम की बात है जब एक तरफ उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी सीट से उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर मीटिंग चल रही थी और आखिरकार गुरुवार को उनको सीट के लिए चुना गया है। बीते कुछ दिनों से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की उम्मीदवारी घोषित होते ही चर्चाएं बढ़ गई थीं। वहीं, अपर्णा यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी की मुलाकात ने नई सियासी अटकलों को हवा दे दी है। एक तस्वीर सामने आई, जिसमें भाजपा के दोनों नेता नजर आ रहे हैं। अब कहा जाने लगा है कि भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर अपर्णा पर भरोसा जता सकती है। अपर्णा साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में आ गई थीं। हालांकि, पार्टी में उनका चुनावी पदार्पण बाकी है।

डिंपल यादव को उतारे जाने से सब हैरान

आपको बता दें इससे पहले जब उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हलकों में यह खबर तेज हुई कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है तो मैनपुरी सीट चर्चा में आ गई। इससे पहले संभावनाएं जताई जा रही थी कि पार्टी अखिलेश के कजिन तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी घोषित कर सकती है। तेज प्रताप पहले भी मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा धर्मेंद्र यादव का नाम भी चर्चाओं में था। सपा के इस दांव को अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव का मुकाबला करने के लिहाज से भी देखा जा रहा है।

आखिर डिंपल ही क्यों?

आपको बता दें कि कि रिपोर्ट के अनुसार एक बार सामने आई थी कि अखिलेश और मैनपुरी में पार्टी के यादव और मुस्लिम समुदाय के नेताओं के बीच बातचीत के बाद डिंपल के नाम पर मुहर लगी है। एक वरिष्ठ सपा नेता ने कहा, ‘मैनपुरी में जातीय समीकरण को देखते हुए, जहां शाक्य और ठाकुर वोट अहम हैं, पार्टी ने हाल ही में आलोक शाक्य को मैनपुरी का नया जिलाध्यक्ष बनाया है। साथ ही डिंपल भी शादी से पहले जाति से ठाकुर रहीं। यह सब रणनीति का हिस्सा है।’