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स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वैक्सीन की कमी की खबरों को बताया ‘निरर्थक’, लगाई विपक्ष को लताड़

Covid 19 Vaccine: मीडिया में भ्रम व चिंता पैदा करने वाले बयान देने वाले नेताओ को इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है क्या उन्होने शासन प्रक्रिया व इससे सबंधित जानकारियों से इतनी दूरी बना ली है कि वैक्सीन आपूर्ति के संदर्भ में पहले से ही दी जा रही जानकारियों का उन्हें कोई अता-पता नहीं है।

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को सिलसिलेवार अपने ट्वीट में वैक्सीन की कमी को लेकर आ रही खबरों का खंडन किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में विपक्ष पर भी निशाना साधा है। बता दें कि नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख ने वैक्सीन की कमी वाली खबरों को निरर्थक बताया और का कि ऐसी बयान लोगों में सिर्फ घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “वैक्सीन की उपलब्धता के संदर्भ में मुझे विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से जानकारी मिली है। तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं।” अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, “सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में 11.46 करोड़ वैक्सीन की डोज राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराए गए और जुलाई के महीने में इस उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ किया गया है।”

Corona Vaccine

इसके आगे उन्होंने लिखा कि, जुलाई में राज्यों में वैक्सीन के कितने डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी। इसके बाद 27 जून व 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले व दूसरे पखवाड़े के लिए उन्हें हर दिन की वैक्सीन उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई। इसलिए राज्यों को यह अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में वैक्सीन डोज मिलेंगे। केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक वैक्सीनेशन का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।

Mansukh Mandaviya

राज्यों में वैक्सीन लगवाने को लेकर लग रही लंबी कतारों पर उन्होंने कहा कि, अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियां एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन (mismanagement) और वैक्सीन लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है।

उन्होंने कहा कि, मीडिया में भ्रम व चिंता पैदा करने वाले बयान देने वाले नेताओ को इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है क्या उन्होने शासन प्रक्रिया व इससे सबंधित जानकारियों से इतनी दूरी बना ली है कि वैक्सीन आपूर्ति के संदर्भ में पहले से ही दी जा रही जानकारियों का उन्हें कोई अता-पता नहीं है।

mansukh mandaviya

बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई कि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 39.59 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध कराई गई है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अभी वैक्सीन की 1.51 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध है।