नई दिल्ली। मथुरा-वृंदावन (Mathura-Vrindavan) में श्रीकृष्ण जन्मस्थान को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, मथुरा-वृंदावन के 22 वार्डों में यूपी सरकार के निर्देश पर मांस और शराब की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि योगी सरकार ने जन्मस्थल के 10 वर्ग किलोमीटर के दायरे को तीर्थस्थल घोषित कर दिया था। जिसके बाद से मथुरा और वृंदावन में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। आपको ये भी बता दें कि इस इलाके में 22 नगर निगम वार्ड क्षेत्र आते हैं।
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता शाहिदा ने दाखिल की थी। शाहिदा ने अपनी याचिका में कहा कि, मांस और शराब की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क था कि लोगों को अपनी पसंद का भोजन और मनपसंद खाना खाने का मौलिक अधिकार है। इतना ही नहीं याचिका में स्थानीय पुलिस पर लोगों को पीड़ा पहुंचाने का आरोप भी लगाया। वहीं शाहिदा की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि, ‘भारत विविधताओं का देश है। अगर देश में एकता बनाए रखना है तो सभी धर्मों और समुदायों का बराबर आदर और सम्मान जरूरी है। यही एकता यहां की खूबसूरती है।’
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में कृष्ण जन्माष्टमी पर इशारा किया था। उन्होंने धार्मिक नगरी मथुरा में कहा था कि इस स्थल को तीर्थस्थल घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही यहां पर शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने की बात कही थी। योगी ने जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में पूजा करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए इस फैसले की जानकारी दी।