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Youtube Channels Banned: लाखों-करोड़ों सब्सक्राइबर्स वाले 8 यूट्यूब चैनलों को मोदी सरकार ने किया बैन, दिखा रहे थे फर्जी खबरें

मोदी सरकार ने फर्जी खबरें फैला रहे 8 यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने के बाद सरकार ने युवाओं, छात्रों, समाज और समुदायों में गलत खबरें प्रसारित करने वाले इन यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। सरकार ने इससे पहले 200 के करीब यूट्यूब चैनलों को बैन किया था।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने फर्जी खबरें फैला रहे 8 यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने के बाद सरकार ने युवाओं, छात्रों, समाज और समुदायों में गलत खबरें प्रसारित करने वाले इन यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। सरकार ने इससे पहले 200 के करीब यूट्यूब चैनलों को बैन किया था। जिन चैनलों को सरकार ने अब बैन किया है, वे समय से पहले लोकसभा चुनाव होने और आधार जैसी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे थे। अफसरों के मुताबिक जिन यूट्यूब चैनलों को बैन किया गया है, उनमें सच देखो, कैपिटल टीवी, केपीएस न्यूज, सरकारी व्लॉग, अर्नटेक इंडिया, एसपीएन9 न्यूज, एजुकेशनल दोस्त और वर्ल्ड बेस्ट न्यूज हैं।

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सरकार के मुताबिक यूट्यूब चैनल ‘वर्ल्ड बेस्ट न्यूज’ के 17 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। इसे 18 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया। इसमें भारतीय सेना को गलत तरीके से पेश किया गया। इसी तरह ‘एजुकेशनल दोस्त’ नाम के यूट्यूब चैनल के 30 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे और इसके 23 करोड़ से ज्यादा व्यूज थे। इस यूट्यूब चैनल पर सरकारी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें दिखाई जा रही थीं। वहीं, 40 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और 189 करोड़ व्यूज वाले ‘एसपीएन9 न्यूज’ पर राष्ट्रपति, पीएम और केंद्रीय मंत्रियों के बारे में फर्जी खबरें दिखाई गईं। सरकार के मुताबिक 45 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और 9.4 करोड़ से अधिक व्यूज वाले यूट्यूब चैनल ‘सरकारी व्लॉग’ में सरकारी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें थीं। 10 लाख वाले ‘केपीएस न्यूज’ के 13 करोड़ यूजर्स थे। इस चैनल में सरकारी योजनाओं, आदेश और फैसले जैसे 20 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर और 15 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत जैसी फर्जी खबरें दिखाई जा रही थीं।

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सरकार के मुताबिक 35 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाला ‘कैपिटल टीवी’ पीएम, सरकार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के बारे में फर्जी खबरें दिखा रहा था। इसके 160 करोड़ से ज्यादा व्यूअर्स हैं। जबकि, ‘यहां सच देखो’ नाम के यूट्यूब चैनल के 10 करोड़ से ज्यादा व्यूज और 30 लाख सब्सक्राइबर्स थे। ये चुनाव आयोग और चीफ जस्टिस के बारे में फर्जी खबरें दिखा रहा था। 31 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और 36 लाख व्यूज वाले ‘अर्न इंडिया चैनल’ पर आधार, पैन और अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें प्रसारित की जा रही थीं।