श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पिछले एक साल से रहने वालों को भी विधानसभा चुनाव में वोट देने का हक दिए जाने के फैसले पर सियासत गरमा गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे बीजेपी की चाल करार दिया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार 25 लाख गैर कश्मीरियों को वोटर बनाने की दिशा में बढ़ रही है। हम इसका विरोध करते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि बीजेपी चुनाव से डरती है और जानती है कि वो हारेगी। जम्मू-कश्मीर के लोगों को बैलट बॉक्स से जुड़े इस षड्यंत्र को हर हाल में पराजित करना चाहिए। खबर लिखे जाने तक पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ्ती या अन्य किसी कश्मीरी नेता ने इस बारे में बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उनके पुराने रुख को देखते हुए तय है कि इस फैसले के खिलाफ वे भी आवाज उठाएंगे।
The Government is going ahead with its plan to add 25 lakh non-local voters in J&K and we continue to oppose this move. BJP is scared of the elections & knows it will lose badly. People of J&K must defeat these conspiracies at the ballot box. pic.twitter.com/U6fjnUpRct
— JKNC (@JKNC_) October 11, 2022
हुआ दरअसल ये है कि जम्मू की जिला चुनाव अधिकारी अवनी लवासा ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि बीते एक साल से जम्मू में रहने वाले लोगों को वोट डालने का हक दिया जा रहा है। अपने आदेश में लवासा ने लिखा है कि एक साल से रहने वालों का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा जाए। इसके लिए पानी, बिजली गैस कनेक्शन का दस्तावेज, स्थानीय पते का आधार कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पासपोर्ट, जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज, किराएदार हैं तो रेंट की डीड और खुद का घर है तो सेल डीड की कॉपी ली जाए। नीचे आप पूरा आदेश पढ़ सकते हैं।
अवनी लवासा के आदेश के मुताबिक इन दस्तावेजों के अलावा नए वोटर के रजिस्ट्रेशन के लिए अन्य प्रमाण पत्र भी मंजूर किए जाएंगे। आवेदन के बाद फील्ड अफसर इनका मौके पर जाकर सत्यापन करेगा। इसके बाद नए वोटर का नाम जोड़ दिया जाएगा। दरअसल, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद यहां चुनाव क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन किया गया है। वोटर लिस्ट भी नई बन रही है। माना जा रहा है कि अगले साल के मध्य तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं।