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UP: 700 किसानों की जान लेकर आंदोलनकारी नेता सियासत में कूदे, टिकैत ने बीजेपी पर साधा निशाना

इन नेताओं ने किसानों को किस तरह भरमाया और उसका फायदा उठाया, ये भी सामने है। आंदोलन के दौरान 700 किसानों को जान गंवानी पड़ी और अब जिस तरह ये नेता चुनाव में उतरने की बात कर रहे हैं, उससे इन मौतों की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही आ रही है।

नई दिल्ली। एक साल से ज्यादा वक्त तक दिल्ली की सीमाओं, हरियाणा और पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान नेताओं की किसानों के बहाने सियासत में उतरने का इरादा अब पूरी तरह साफ हो चुका है। इन नेताओं ने किसानों को किस तरह भरमाया और उसका फायदा उठाया, ये भी सामने है। आंदोलन के दौरान 700 किसानों को जान गंवानी पड़ी और अब जिस तरह ये नेता चुनाव में उतरने की बात कर रहे हैं, उससे इन मौतों की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही आ रही है। पंजाब में कल 25 किसान संगठनों ने मिलकर चुनाव लड़ने का एलान किया था। अब किसान नेता और बीकेयू यानी भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत की जुबां पर भी सियासत का राग सीधे आ गया है। टिकैत ने बीजेपी का नाम लिए बगैर उसके खिलाफ बयान दिया है।

अब आपको बताते हैं कि राकेश टिकैत ने ताजा बयान क्या दिया है। राकेश टिकैत ने शनिवार रात को ट्विटर पर लिखा है, “अडानी बैंकों का लोन लोटाने के लायक नहीं है। पर बैंकों को खरीदने की क्षमता रखता है। किसानों का जमीर जिन्दा था सो बच गए। वोटरों का जमीर नहीं जागा तो मारे जाएंगे। जो काम अंग्रेजों का अधूरा रह गया था, उस काम को उनके मुखबिर पूरा करने में लगे हुए हैं।” टिकैत का ये बयान साफ तौर पर ये इशारा देता है कि वो किसी राजनीतिक दल की शह पर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए किसान आंदोलन चला रहे थे।

बता दें कि इससे पहले टिकैत का सियासी कनेक्शन बीते दिनों उस वक्त सामने आया था, जब मेरठ-बुलंदशहर हाइवे पर उनकी तस्वीरों वाले होर्डिंग लगे मिले थे। इन होर्डिंग में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी के चीफ जयंत चौधरी की भी तस्वीरें थीं। इसके बाद खुद टिकैत ने एक बयान में माना था कि सपा की तरफ से उन्हें चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था। अब ताजा ट्वीट से टिकैत ने ये साफ कर दिया है कि वो किसान के नाम पर सियासत कर रहे थे। जिसके नतीजे में 700 किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।