नई दिल्ली। बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए अशोभनीय शब्द का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर लोकसभा में बीजेपी के सांसदों ने कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को जमकर घेरा था। इस दौरान सबसे आगे बढ़कर सोनिया से माफी मांगने की मांग करने वालों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी थीं। इसके बाद ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से कहा था कि सोनिया गांधी ने स्मृति ईरानी से धमकी भरे अंदाज में बात की। हालांकि, बात क्या हुई थी और दोनों के बीच तकरार की वजह का सीतारमण ने खुलासा नहीं किया था। अब स्मृति ईरानी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया है कि आखिर उनकी कौन सी बात सुनकर सोनिया गांधी नाराज हो गई थीं।
टीवी चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ के इंटरव्यू में सवाल पूछे जाने पर स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं उनसे (सोनिया) उम्र में छोटी हूं। सदन जब स्थगित हुआ, तो वो मेरी कुर्सी की तरफ आईं। उस वक्त 73 साल की एक वरिष्ठ महिला मेरे सामने मौजूद थीं। सोनिया जी जब वहां आईं, तो पुरुष नेता भी उनके साथ थे। उन्हें पता भी है कि वहां मैं बैठती हूं। रमा दीदी बिहार के पिछड़े परिवार से हैं। सोनिया गांधी ने रमा दीदी से वहां आकर कहा कि मेरा नाम मत लो। मैं वहां थी, तो विनम्रता से मैंने सोनिया जी से कहा कि आप अगर कुछ पूछना चाहती हैं, तो मैंने आपका नाम लिया है। मैडम कैन आई हेल्प यू? स्मृति के मुताबिक इसके बाद ही सोनिया का गुस्सा दिख गया। जबकि, उन्हें पहले पता था कि सोनिया कभी भी अपना आपा नहीं खोतीं और मर्यादा का उल्लंघन उनसे कभी नहीं हुआ।
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि सोनिया का आक्रोश सिर-आंखों पर, लेकिन सदन में उन्होंने जिस तरह ये प्रकट किया, उससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची। मैंने ये भी साफ कहा कि भले ही मैं साधारण बैकग्राउंड से हूं और आप गांधी परिवार से, लेकिन मैं असभ्यता बर्दाश्त नहीं करूंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने अमेठी में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। इसी वजह से जनता ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना। शायद सोनिया गांधी का आक्रोश इस बात पर है कि साधारण महिला ये दुस्साहस कैसे कर सकती है, लेकिन हमारे देश की परंपरा है कि साधारण लोग ही असाधारण काम करते हैं।