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Elvish Yadav FIR: अब इतने दिनों तक जेल की हवा खाएंगे रेव पार्टी के आयोजनकर्ता, मगर पुलिस की गिरफ्त से अभी-भी दूर एल्विश

Elvish Yadav FIR: एल्विश ने बयान जारी कर कहा कि अगर मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों में एक फीसद भी सत्यता पाई गई, तो मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन आरोपों में बिल्कुल भी सत्यता नहीं है।

नई दिल्ली। यूपी पुलिस ने रेव पार्टी आयोजन कराने वाले और सांपों के विष का इस्तेमाल किए जाने के आरोप में एल्विश यादव सहित 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी दो की तलाश जारी है। वहीं, इन पांचों आरोपियों को आज पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस हिरासत में इन सभी आरोपियों से मामले के संदर्भ में पूछताछ की जाएगी।

Elvish Yadav

बता दें कि बीजेपी सांसद मेनका गांधी के एनजीओ पीपल फॉर एनिमल्स ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें खुलासा हुआ कि एल्विश यादव रेव पार्टी में शामिल हैं। इतना ही नहीं, आरोप है कि एल्विश ने वन्य कानूनों को ताक पर रखते हुए प्रतिबंधित सांपों के विष का इस्तेमाल रेव पार्टी में किया। पुलिस ने अपनी जांच में कई विषैले सांपों को बरामद किया है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने ही एल्विश के नाम का खुलासा किया है, जिसके बाद अब जांच की आंच उन तक पहुंच चुकी है। इसके साथ ही बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी उनकी गिरफ्तारी की मांग की है, जिस पर एल्विश ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।

उधर, एल्विश ने बयान जारी कर कहा कि अगर मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों में एक फीसद भी सत्यता पाई गई, तो मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन आरोपों में बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ मेरी छवि को धूमिल करने के मकसद से लगाए हैं। अगर इन आरोपों में सत्यता पाई जाती है, तो मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा। वहीं, सोशल मीडिया पर एल्विश के प्रशंसक उनके बचाव में उतर आए हैं। उनके प्रशंसकों को कहना है कि कुछ लोग एल्विश की सफलता को पचा नहीं पा रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

ध्यान दें, एल्विश के खिलाफ 120 बी सहित वन्य जीव कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अगर इन धाराओं के तहत एल्विश पर लगाए गए आरोप सच साबित हुए, तो उन्हें सात साल तक सजा हो सकती है।